ली निंग को किट प्रायोजक से हटाने पर चीन की 'उद्देश्यपरक और ​निष्पक्ष' रहने की सलाह

By भाषा | Published: June 9, 2021 04:36 PM2021-06-09T16:36:39+5:302021-06-09T16:36:39+5:30

China's advice to be 'objective and fair' on removing Li Ning from kit sponsor | ली निंग को किट प्रायोजक से हटाने पर चीन की 'उद्देश्यपरक और ​निष्पक्ष' रहने की सलाह

ली निंग को किट प्रायोजक से हटाने पर चीन की 'उद्देश्यपरक और ​निष्पक्ष' रहने की सलाह

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(​केजेएम वर्मा)

बीजिंग, नौ जून भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा जनभावनाओं का सम्मान करते हुए ली निंग को तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के किट प्रायोजक से हटाने पर प्रतिक्रिया करते हुए चीन ने भारत से द्विपक्षीय सहयोग को 'उद्देश्यपरक और निष्पक्ष तरीके' से देखने का आग्रह किया।

आईओए ने चीन की खेलों की पोशाक निर्माता कंपनी से नाता तोड़ने का फैसला मंगलवार को किया था। इससे एक सप्ताह पहले उसने खेल मंत्री किरेन रीजीजू की उपस्थिति में किट का अनावरण किया था। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि नये प्रायोजक की तलाश जारी है और उम्मीद जतायी कि इस महीने के आखिर तक उन्हें प्रायोजक मिल जाएगा।

आईओए के फैसले पर पूछे गये सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग ​वेनबिन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''जहां तक किसी विशेष व्यावसायिक सहयोग की बात है तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है। ''

उन्होंने कहा, ''हमें उम्मीद है कि भारत इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय दोनों देशों के बीच हमारे सामान्य सहयोग को देखने में उद्देश्यपरक और निष्पक्ष रवैया अपनाएगा। ''

यह पता चला है कि खेल मंत्रालय ने आईओए को खेलों के लिये चीनी प्रायोजक को नहीं रखने की सलाह दी थी।

आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने संयुक्त बयान में कहा, ''हम अपने प्रशंसकों की भावनाओं से वाकिफ हैं और हमने आईओए में अपने पोशाक प्रायोजक के साथ मौजूदा अनुबंध से हटने का फैसला किया है।''

पिछले साल लद्दाख क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष के बाद चीनी उत्पादों के बहिष्कार का अपील की जाती रही है।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग के चीनी प्रायोजक को कुछ समय के लिये हटा दिया था लेकिन इस कंपनी की इस साल वापसी हुई है क्योंकि उसके साथ 440 करोड़ रुपये के वार्षिक अनुबंध को निलंबित नहीं किया गया था बल्कि उस पर अस्थायी रोक लगायी गयी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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