जब खराब दौर से गुजर रहे थे पृथ्वी शॉ, सचिन तेंदुलकर ने इस तरह की थी मदद

युवा भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद खेल के मैदान से दूर रहना पड़ा था। उस बुरे वक्त में सचिन तेंदुलकर ने इस खिलाड़ी की मदद की थी...

By भाषा | Updated: April 28, 2020 17:48 IST2020-04-28T17:48:04+5:302020-04-28T17:48:04+5:30

Can't disclose the discussions but had number of interactions with Prithvi Shaw: Sachin Tendulkar | जब खराब दौर से गुजर रहे थे पृथ्वी शॉ, सचिन तेंदुलकर ने इस तरह की थी मदद

जब खराब दौर से गुजर रहे थे पृथ्वी शॉ, सचिन तेंदुलकर ने इस तरह की थी मदद

अपने क्रिकेट करियर के दौरान आदर्श खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का उस समय मार्गदर्शन किया था जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे। 

20 साल के शॉ ने टेस्ट करियर का शानदार आगाज करते हुए पदार्पण मैच में शतक ठोका था। वह ऐसा करने वाले दूसरे सबसे युवा बल्लेबाज बने थे। टखने की चोट और डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद उन्हें 16 महीने तक खेल के मैदान से दूर रहना पड़ा। भारतीय क्रिकेट जगत में उनमें अनुशासन की कमी को लेकर भी चर्चा थी। ऐसे में तेंदुलकर ने शॉ से बातचीत कर उनके करियर को सही दिशा में ले जाने में मदद की। 

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘हां, यह सच है। पिछले कुछ वर्षों में पृथ्वी (शॉ) से मेरी कई बार बात हुई है। वह बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और मैं उसकी मदद करके खुश हूं। मैंने उनसे क्रिकेट और इस खेल से बाहर की जिंदगी के बारे में बात की।’’ 

तेंदुलकर से जब पूछा गया कि उन्होंने शॉ को क्या बताया, तो वह इस बारे में बात करने में सहज नहीं दिखे। इस महान खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि अगर किसी युवा ने मुझसे संपर्क किया है और मार्गदर्शन मांगा है तो कम से कम मेरी ओर से गोपनीयता बरकरार रहनी चाहिए। ऐसे में मैं आपको यह नहीं बताना चाहूंगा कि किस मुद्दे पर बातचीत हुई थी।’’ 

शॉ ने हालांकि बाद में बताया था कि उन्हें मुंबई के इस सीनियर खिलाड़ी का मार्गदर्शन मिला था। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘ठीक है, अगर पृथ्वी इसके बारे में बात करना चाहता है, तो यह उसकी मर्जी है।’’ 

तेंदुलकर ने व्यक्तिगत स्तर पर कई युवा क्रिकेटरों का मार्गदर्शन किया है लेकिन उन्होंने कभी उसका खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने व्यक्तिगत स्तर पर बहुत सारे युवाओं से बात की है और उनका मार्गदर्शन किया है। अगर किसी को लगता है कि मैं उन्हें उनके खेल के बारे में मार्गदर्शन देने में मदद कर सकता हूं, तो मैं हमेशा तैयार रहता हूं।’’

शॉ के अलावा भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी बांग्लादेश के खिलाफ पिछले साल नवंबर में गुलाबी गेंद से खेले गये टेस्ट से पहले सुझाव लिया था। कोहली ने कहा था, ‘‘मैंने पहले दिन के खेल के बाद सचिन पाजी से बात की और उन्होंने एक बहुत ही दिलचस्प बात कही। उन्होंने कहा था कि गुलाबी गेंद के साथ आपको दूसरे सत्र को सुबह के सत्र की तरह लेना चहिए। क्योंकि इस समय अंधेरा हो रहा होता है और गेंद स्विंग होने लगती है।’’ कोहली इस मैच में शतक लगाकर दिन-रात्रि टेस्ट में ऐसा करने वाले पहले भारतीय बने थे।

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