Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship: 158.9 करोड़ रुपये डंडा, पैसे की कमी से जूझ रहा बायजू, बीसीसीआई से हाथ मिलाने को तैयार!

Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship: बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन की याचिका न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और न्यायमूर्ति जतिंद्रनाथ स्वैन की नयी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 30, 2024 16:46 IST2024-07-30T16:44:42+5:302024-07-30T16:46:50+5:30

Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship Case of Rs 158-9 crore Byju ready to join hands with BCCI told NCLAT talks ongoing, settlement soon | Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship: 158.9 करोड़ रुपये डंडा, पैसे की कमी से जूझ रहा बायजू, बीसीसीआई से हाथ मिलाने को तैयार!

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HighlightsByju’s-BCCI Cricket Sponsorship: पदोन्नति से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड के वकील के रूप में पेश हुए थे।Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship: सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया, जिसे नयी पीठ ने स्वीकार कर लिया। Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship: बायजू को चलाने वाली थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने को चुनौती दी गई थी।

Byju’s-BCCI Cricket Sponsorship: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्याधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष प्रौद्योगिकी फर्म बायजू के साथ विवाद में सुनवाई को एक दिन के लिए टालने का अनुरोध किया। इसके साथ ही बीसीसीआई ने कहा कि उसकी बायजू के साथ बातचीत चल रही है, जिससे दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावना का संकेत मिलता है। एनसीएलएटी में दिवाला कार्यवाही के खिलाफ बायजू के प्रवर्तक की याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि दोनों पक्षों के बीच कुछ बातचीत चल रही है।

मेहता बीसीसीआई की तरफ से पेश हुए थे। उन्होंने पीठ से एक दिन के लिए सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया, जिसे नयी पीठ ने स्वीकार कर लिया। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी अमेरिका स्थित लेनदार गैस ट्रस्ट एलएलसी की ओर से पेश हुए, जिसने 8,000 करोड़ रुपये के ऋण की चूक का दावा किया है।

बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन की याचिका न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और न्यायमूर्ति जतिंद्रनाथ स्वैन की नयी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी। इससे पहले सोमवार को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था और कहा था कि वह पदोन्नति से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड के वकील के रूप में पेश हुए थे। एनसीएलएटी रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू को चलाने वाली थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने को चुनौती दी गई थी।

बीसीसीआई ने थिंक एंड लर्न के 158.9 करोड़ रुपये की धन अदायगी से चूक करने को लेकर दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। एनसीएलटी ने आईबीसी के प्रावधानों के अनुसार, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड को निलंबित कर दिया है और कर्ज में डूबी इस कंपनी के संचालन के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया है।

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