पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल ने खिलाड़ियों को दिया 'मंत्र', इन 2 बातों का रखें ख्याल

पूर्व भारतीय क्रिकेटर संदीप पाटिल ने टीम इंडिया के लिए 1980 से 1984 के बीच 29 टेस्ट खेलने हैं...

By भाषा | Updated: June 21, 2020 16:20 IST2020-06-21T16:20:11+5:302020-06-21T16:20:11+5:30

Begin Slowly and Prepare Well Mentally to Remain Injury-free post Coronavirus: Sandeep Patil | पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल ने खिलाड़ियों को दिया 'मंत्र', इन 2 बातों का रखें ख्याल

कोरोना के चलते इस वक्त भारतीय खिलाड़ियों ने क्रिकेट मैदान से दूरी बना रखी है।

Highlightsभारत की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे संदीप पाटिल।खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रहने की सलाह।

पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल ने रविवार को खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे मानसिक रूप से मजबूत रहें और कोविड-19 महामारी के बाद क्रिकेट दोबारा शुरू होने पर चोट मुक्त वापसी सुनिश्चित करें।

कोरोना वायरस महामारी के कारण क्रिकेट मैचों पर रोक के बाद इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहला अंतरराष्ट्रीय मैच अगले महीने जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण में खेला जाएगा। भारतीय टीम को हालांकि निकट भविष्य में कोई क्रिकेट मैच नहीं खेलना।

‘स्टार स्पोर्ट्स’ ने पाटिल के हवाले से कहा, ‘‘यह काफी अनिश्चित समय है और किसी भी खिलाड़ी के लिए बिना चोट के वापसी करना बड़ी चुनौती है। लेकिन उन्हें याद रखने की जरूरत है कि इन सभी चुनौतियों से मजबूत मानसिकता के साथ निपटना होगा।’’

कोरोना के चलते फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्थगित है।
कोरोना के चलते फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्थगित है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको धीमी शुरुआत करनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि आपका ध्यान पूरी तरह से चोट मुक्त वापसी कर रहे। यहां तक कि कीनिया के कोच के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान मैं हमेशा ध्यान देता था कि किसी टूर्नामेंट से पहले खिलाड़ी मानसिक रूप से मजबूत रहें।’’

63 वर्षीय पाटिल ने 1983 विश्व कप फाइनल में वेस्टइंडीज की मजबूत टीम के खिलाफ भारत की जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मैच से साबित होता है कि मानसिक मजबती से कैसे मैच जीते जा सकते हैं।

संदीप पाटिल भारत के लिए 29 टेस्ट मैच खेल चुके हैं।
संदीप पाटिल भारत के लिए 29 टेस्ट मैच खेल चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व कप 1983 के फाइनल में हमारे 183 रन पर सिमटने के बाद हमने सोचा कि हमारी संभावना खत्म हो गई है। लेकिन दूसरी पारी के लिए मैदान पर पैर रखने से पहले हम सभी ने हार नहीं मानने का फैसला किया और बाकी सब कुछ इतिहास है।’’

भारत की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे पाटिल ने कहा, ‘‘गोर्डन ग्रिनिज, विव रिचर्ड्स जैसों को गेंदबाजी करना आसान काम नहीं था लेकिन हमारा ध्यान ट्रॉफी जीतने पर था इसलिए हम ऐसा कर पाए। इसलिए मानसिक रूप से परिपक्व होना क्रिकेटर ही नहीं बल्कि किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।’’

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