कोरोना वायरस के चलते इंडियन प्रीमियर लीग सीजन-13 को फिलहाल 15 अप्रैल तक टाला जा चुका है। भारत में अब तक कोविड-19 के 85 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 2 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
बीसीसीआई इस साल के चरण के लिये शनिवार को मुंबई में होने वाली आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में तमाम गतिविधियों पर चर्चा करेगा। ऐसी भी संभावना है कि टूर्नामेंट में अब पूर्व योजना की तुलना में ज्यादा ‘डबल हेडर’ (एक दिन में दो मुकाबले) हों और कम से कम पांच वैकल्पिक स्थल तैयार रखे जा रहे हैं क्योंकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली राज्य सरकारों ने खेलों के लिये अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
आईपीएल को पहले 29 मार्च से शुरू होकर 24 मई को खत्म होना था और इस तरह से टूर्नामेंट 56 दिन तक चलता। अगर बीसीसीआई टूर्नामेंट को 15 अप्रैल से शुरू कर पाता है तो यह 40 दिन तक चलेगा क्योंकि अन्य अंतरराष्ट्रीय टीमों के आईसीसी भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) को देखते हुए इसे इससे ज्यादा आगे तक खींचना संभव नहीं होगा।
अगर मैच दर्शकों के बिना कराए जाते हैं और खिलाड़ियों के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक से फ्रेंचाइजी को काफी प्रायोजन राशि और गेट से मिलने वाली राशि का नुकसान होगा।
स्टार स्पोर्ट्स ने प्रसारण अधिकारों के लिए पांच साल के लिए 16,347 करोड़ रुपये (प्रत्येक वर्ष करीब 5500 करोड़ रुपये) दिए थे और अगर आईपीएल के दिनों की संख्या कम होती है तो वह भी बीसीसीआई से इस पर फिर से चर्चा करना चाहेगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भारत में कई खेल प्रतियोगिताएं कोरोना वायरस के कारण स्थगित या रद्द हो चुकी हैं।
BCCI को होगा 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान: द स्टेटमैन में प्रकाशित रिपोर्ट में ग्रुप एम के बिजनेस हेड विनीत कार्निक के मुताबिक, "आईपीएल में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का दल 35% दूसरे देशों से आता है। नए वीजा प्रतिबंधों के साथ, उनके प्रवेश को प्रतिबंधित किया जा सकता है जब तक कि उन्हें वर्क वीजा नहीं मिलता है। सभी सुरक्षा और आचरण संबंधी चिंताएं वाजिब हैं क्योंकि स्पष्ट लागत निहितार्थ में कई हितधारक शामिल हैं।" एक आकलन के मुताबिक, आईपीएल के रद्द होने की स्थिति में बीसीसीआई को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
(भाषा इनपुट के साथ)