पर्थ टेस्ट पर स्पॉट फिक्सिंग का साया, आईसीसी ने कहा, 'नहीं मिले सबूत'

एक ब्रिटिश अखबार ने दावा किया है कि दो भारतीय बुकीज ने 1.40 करोड़ डॉलर पाउंड के बदले में पर्थ में तीसरे एशेज टेस्ट में स्पॉट फिक्सिंग का दावा किया था

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 14, 2017 18:00 IST2017-12-14T17:52:07+5:302017-12-14T18:00:48+5:30

Ashes Series Spot Fixing Claims on perth test ICC says no evidence of corruption | पर्थ टेस्ट पर स्पॉट फिक्सिंग का साया, आईसीसी ने कहा, 'नहीं मिले सबूत'

एशेज स्पॉट फिक्सिंग

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच जारी एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में किसी प्रकार की 'फिक्सिंग' की संभावना से इंकार किया है। दरअसल, इंग्लैंड के अखबार 'द सन' ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि पर्थ टेस्ट पर स्पॉट फिक्सिंग का साया है और इसमें भारतीय बुकी शामिल हो सकते हैं।

हालांकि, आईसीसी ने मीडिया में रिपोर्ट्स आने के बाद कहा, 'हमने 'द सन' की जांच से संबंधित सभी दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि इस टेस्ट में किसी खिलाड़ी से फिक्सरों ने संपर्क किया है।' आईसीसी की ओर से प्रबंधक एलेक्स मार्शल ने यह बात कही। 

पर्थ में जारी तीसरे टेस्ट की शुरुआत गुरुवार को ही हुई है और पहले दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट खोकर 305 रन बना लिए हैं। यह मैच पर्थ के वाका मैदान पर खेला जा रहा है जहां इंग्लैंड ने 1978 से कोई भी टेस्ट मैच नहीं जीता है।

क्या है 'द सन' की रिपोर्ट में
अखबर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उसके अंडरकवर रिपोर्टरों से दो लोगों ने 187,000 डालर स्पॉट फिक्सिंग के लिए मांगे थे, जिसमें यह बात तक शामिल है कि एक ओवर में कितने रन बनेंगे। अखबार के अनुसार इसमें किसी इंग्लिश खिलाड़ी का नाम शामिल नहीं है लेकिन फिक्सरों ने यह दावा किया है कि एक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इस काम में मदद करने के लिए उनके साथ है।

 

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