‘एंटीलिया’ बम मामला : पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

By भाषा | Updated: June 28, 2021 16:35 IST2021-06-28T16:35:50+5:302021-06-28T16:35:50+5:30

'Antilia' bomb case: Former police officer Pradeep Sharma sent to judicial custody till July 12 | ‘एंटीलिया’ बम मामला : पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

‘एंटीलिया’ बम मामला : पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

मुंबई, 28 जून यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन में विस्फोटक मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में सोमवार को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

अदालत ने दो अन्य आरोपियों - मनीष सोनी और सतीश मोथकुरी की एनआईए हिरासत भी बढ़ा दी। एनआईए ने शर्मा को सोनी और मोथकुरी के साथ 17 जून को गिरफ्तार किया था। शर्मा को सोमवार को अदालत के सामने पेश किया गया और जांच एजेंसी द्वारा आगे रिमांड नहीं मांगे जाने पर अदालत ने उन्हें 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मामले में दो अन्य आरोपी, संतोष शेलार और आनंद जाधव, जिन्हें एनआईए ने 11 जून को उपनगरीय मलाड से गिरफ्तार किया था, उन्हें भी 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। शर्मा के वकील सुदीप पसबोला ने पूर्व पुलिस अधिकारी को “खतरा होने की धारणा” का हवाला देकर अदालत से उन्हें ठाणे की ही जेल में रखने को कहा।

वकील ने अदालत को बताया कि शर्मा कई मामलों में जांच अधिकारी रहे हैं। उन्होंने कहा कि शर्मा की गिरफ्तारी से पहले, उन्हें पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी। इसलिए, उन्हें खतरा होने की धारणा है। एनआईए ने कहा कि वह आवेदन का विरोध नहीं कर रही है, लेकिन विचाराधीन कैदी को कौन सी जेल में रखना है, यह फैसला जेल के अधिकारी लेंगे।

अदालत ने फिर पड़ोस के नवी मुंबई की तलोजा जेल के अधीक्षक को खतरा होने के आरोपों पर गौर करने और उस अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दक्षिण मुंबई में इस साल 25 फरवरी को अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से भरी एक एसयूवी मिली थी। ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन ने दावा किया था कि गाड़ी उसकी है। उसके बाद वह पांच मार्च को मुंब्रा में एक नाले में मृत मिला था।

इस बीच, एक संबंधित घटनाक्रम में, सोमवार को एनआईए ने सोनी और मोथकुरी की पांच दिन की हिरासत मांगी। जांच एजेंसी ने इससे पहले अदालत को बताया था कि दोनों ने हिरन की कथित तौर पर हत्या की है।

कुछ और दिनों की हिरासत की मांग करते हुए, एनआईए ने दलील दी कि हिरन की हत्या करने के बाद दोनों आरोपी मुंबई से बाहर और देश के बाहर भी दूसरे स्थानों पर गए थे। इसने कहा कि एजेंसी को पता करना है कि किसने इनकी यात्रा के लिए पैसा दिया और मामले में अधिक जांच के लिए आरोपियों को उन स्थानों तक ले जाने की भी जरूरत है। एनआईए ने अदालत को बताया कि वह साजिश में छूट रही कुछ कड़ियों का पता लगाना चाहती है।

इसने कहा कि हिरन की हत्या में इस्तेमाल की गई ‘वस्तु’ को बरामद करने की भी जरूरत है। एजेंसी ने कहा कि हत्या के व क्त हिरन के कुछ निजी सामान अब भी लापता हैं और एनआईए को उनको भी बरामद करना है। एनआईए ने यह भी कहा कि उसने बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की है और इसके स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जरूरी है।

सोनी और मोथकुरी का पक्ष रख रहे, वकील राहुल आरोटे ने दलील दी कि पिछली रिमांड के बाद से, दोनों को कुछ और दिन हिरासत में रखने के लिए एनआईए के आधार में कोई बदलाव नहीं आया है। वकील ने कहा कि सोनी कपड़ों का कारोबार करते हैं और नियमित तौर पर विदेश जाते हैं। एनआईए के पास उनका पासपोर्ट है और वह सारे ब्योरे प्राप्त कर सकती है।

उन्होंने कहा कि सोनी और मोथकुरी की रिमांड मांगने के लिए कोई उचित आधार नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने दोनों आरोपियों को एक जुलाई तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।

केंद्रीय एजेंसी ने इससे पहले पुलिस अधिकारियों- सचिन वाजे,रियाजुद्दीन काजी और सुनील माने को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। एनआईए ने मामले के सिलसिले में पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सटोरिए नरेश गोर को भी गिरफ्तार किया था।

शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने मामले में सूबत मिटाने में वाजे की मदद की थी। साथ ही उनपर अपने आदमियों के साथ मिलकर हिरन की हत्या को अंजाम देने की साजिश रचने का भी आरोप है।

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