आप विधायक आतिशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उठाए सवाल, भाजपा का पलटवार

By भाषा | Updated: December 5, 2021 20:36 IST2021-12-05T20:36:51+5:302021-12-05T20:36:51+5:30

AAP MLA Atishi raises questions on national education policy, BJP's counterattack | आप विधायक आतिशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उठाए सवाल, भाजपा का पलटवार

आप विधायक आतिशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उठाए सवाल, भाजपा का पलटवार

गांधीनगर, पांच दिसंबर आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किये जाने पर सवाल उठाया, जबकि इसी कार्यक्रम में शामिल भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार की करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च करने के लिये आलोचना की ।

आतिशी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) दस्तावेज एक ‘‘इच्छा सूची’’ के समान है और कार्यान्वयन योजना के अभाव में इसका कोई मूल्य नहीं है, जबकि भाजपा नेता सुनील देवधर ने आरोप लगाया कि दिल्ली में आप सरकार हर साल विज्ञापनों पर ‘‘करदाताओं के 600 करोड़ रुपये’’ खर्च करती है।

गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने दावा किया कि शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण निजी स्कूलों के करीब चार लाख छात्रों ने सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है।

इन नेताओं को गांधीनगर जिले के उवरसाड गांव स्थित एक निजी विश्वविद्यालय, कर्णावती विश्वविद्यालय में आयोजित ‘भारत की युवा संसद-2021’ कार्यक्रम में एनईपी के विषय पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

आप विधायक ने कहा, ‘‘जब मैं एनईपी को पढ़ रही थी, मैंने महसूस किया कि यद्यपि, हम नीतियां बनाने में माहिर हैं, सबसे बड़ा पश्न यह है कि क्या हम इसके क्रियान्वयन में सक्षम हैं । यह नयी नीति इच्छा सूची के समान है, ठीक वैसे ही जैसे हम सोचते हैं कि भारत क्रिकेट विश्व कप जीत जाये अथवा मेरे जैसे लोग फिट रहना चाहते हैं ।’’

करीब एक हजार छात्रों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘सात साल पहले जब दिल्ली में आप की सरकार बनी तो मुझे शिक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया। जब मैं सरकारी स्कूलों में गयी तो शौचालय से आने वाली बदबू ने मेरा स्वागत किया, देश भर के सरकारी स्कूलों का कमोबेश यही हाल है।’’

उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने ‘‘मजबूत इच्छाशक्ति’’ दिखाते हुये कुल बजट का 25 फीसदी का आवंटन शिक्षा के क्षेत्र के लिये किया ।

अपने संबोधन के बाद आप विधायक तत्काल वहां से चली गयी और जब वाघाणी की बोलने की बारी आयी तब वह वहां नहीं थी ।

आप विधायक को अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया में, वाघाणी ने कहा कि गुजरात में सरकारी स्कूल में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर बुनियादी ढाँचे हैं और यही वजह है कि हाल के वर्षों में लगभग चार लाख छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है।

मंत्री ने हॉल में मौजूद कॉलेज के छात्रों से उनके दावों की पुष्टि के लिए अपने क्षेत्र के किसी भी सरकारी स्कूल में जाने के लिए कहा।

वाघाणी ने कहा, ‘‘गुजरात में 33 हजार सरकारी प्राथमिक स्कूल हैं । यह एक ऐसा प्रदेश नहीं है, जिसका आकार एक शहर के बराबर है । हाल ही में सरकारी स्कूलों की निगरानी के लिए एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर शुरू किया है। अन्य राज्यों के अधिकारी इसके बारे में जानने और अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए गुजरात का दौरा करते हैं ।’’

वाघाणी ने इस दौरान कुछ घोषणायें भी कीं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने कहा कि आप नेता को श्रोताओं को बताना चाहिये था कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार हर साल करदाताओं के 600 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च करती है।

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