नई दिल्ली, 20 मई: एमएस धोनी भारत में खेल जगत के सबसे बड़े आइकान में से एक हैं। देश के हजारों युवा धोनी को अपना आदर्श मानते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। न सिर्फ देश के युवा बल्कि ऐसे कई खिलाड़ी भी हैं जो इस स्टार बल्लेबाज के शांत व्यवहार से प्रेरणा लेते हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत।
श्रीकांत ने पिछले महीने गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुषों के सिंगल्स का सिल्वर मेडल जीता था। साथ ही वह नंबर वन खिलाड़ी बनने वाले आधुनिक रैंकिंग इतिहास में पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी भी बने थे। थॉमस कप में न खेलने वाले श्रीकांत अब 2018 एशियन गेम्स की तैयारियों में जुटे हैं।
किदांबी श्रीकांत को धोनी से मिला एक खास 'गिफ्ट'
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीकांत बपचन से ही धोनी के बड़े फैन रहे हैं और हाल ही में उन्हें अपने आदर्श से एक खास गिफ्ट मिला, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दरअसल, शुक्रवार को श्रीकांत को बीसीसीआई की चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद से धोनी के ऑटोग्राफ वाला बैट मिला। प्रसाद ने ये गिफ्ट खुद हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद ऐकैडमी जाकर श्रीकांत को दिया। (पढ़ें: IPL 2018: धोनी ने फिर किया कमाल, टी20 क्रिकेट में 6000 रन पूरे कर रचा इतिहास)
इस गिफ्ट को पाकर बेहद खुश हुए श्रीकांत ने कहा, 'मैं बहुत ही रोमांचित और खुश हूं। ये मेरे लिए बहुत बड़ा सरप्राइज गिफ्ट है। धोनी का शुक्रिया कि उन्होंने अपने बैट पर साइन करके मुझे दिया।' एमएसके प्रसाद ने कहा, 'श्रीकांत गुंटूर से आने वाले मेरे बचन के आदर्श किट्टू अंकल (केवीएस कृष्णा) का बेटा है, जिन्होंने क्रिकेट से मेरा परिचय करवाया। श्रीकांत धोनी का बड़ा फैन है।' प्रसाद ने कहा, 'एक दिन उसने मुझसे कहा कि क्या मैं उसके लिए धोनी से गिफ्ट ला सकता हूं। तो मैंने उससे कहा कि अगर वह बैडमिंटन में टॉप पर पहुंचेगा तो उसे धोनी से गिफ्ट मिलेगा।' (पढ़ें: IPL 2018: दिल्ली के खिलाफ टॉस के समय ठहाका लगाकर हंस पड़े धोनी, ये है वजह)
उन्होंने कहा, 'धोनी ने अपने ऑटोग्राफ वाला बैट श्रीकांत के गिफ्ट के तौर मेरे (एमएसके प्रसाद) घर भेजा। मैं खुद पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन ऐकैडमी (हैदराबाद) गया और श्रीकांत को धोनी के गिफ्ट का सरप्राइज किया। ये श्रीकांत को मिलना चाहिए था क्योंकि उसने बैडमिंटन में दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बनकर अपना वादा पूरा किया था।'