लंबी अवधि के शिविर से मदद मिलती लेकिन कुछ नहीं कर सकते : कोटल

By भाषा | Published: May 25, 2021 03:12 PM2021-05-25T15:12:33+5:302021-05-25T15:12:33+5:30

Long-term camp helps but can't: Kotal | लंबी अवधि के शिविर से मदद मिलती लेकिन कुछ नहीं कर सकते : कोटल

लंबी अवधि के शिविर से मदद मिलती लेकिन कुछ नहीं कर सकते : कोटल

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दोहा, 25 मई भारतीय डिफेंडर प्रीतम कोटल को लगता है कि यहां आगामी विश्व कप क्वालीफायर से पहले भारतीय फुटबॉल टीम के लिये लंबी अवधि का अभ्यास शिविर आदर्श होता।

कोटल ने हालांकि कहा कि खिलाड़ियों को कोविड-19 महामारी को देखते हुए यहां जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में संक्षिप्त दो हफ्ते के शिविर से संतुष्ट रहना होगा। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले बुधवार को यहां पहुंचने के बाद अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

टीम के लिये दो मई से कोलकाता में राष्ट्रीय शिविर शुरू होना था जिसके बाद तीन जून से शुरू होने वाले क्वालीफायर के लिये इस महीने के अंत में यहां आना था लेकिन भारत में कोविड-19 के बढ़ते संकट के कारण इस शिविर को रद्द करना पड़ा था।

कोटल ने कहा, ‘‘लंबे समय तक चलने वाले शिविरों से हमेशा मदद मिलती है। ज्यादातर खिलाड़ी अपने घरों से आये जहां वे लॉकडाउन में ही थे। ’’

उन्होंने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अधिकारिक वेबसाइट से कहा, ‘‘हममें से ज्यादातर ने अपना अंतिम प्रतिस्पर्धी मैच लगभग दो महीने पहले खेला था। इसलिये एक लंबे शिविर से मदद मिलती। लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता। ’’

भारत को पहला मैच तीन जून को मेजबान कतर से खेलना है जिसके बाद सात जून को बांग्लादेश और 15 जून को अफगानिस्तान से मैच होंगे।

सत्ताईस साल के कोटल ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की फिटनेस और खान-पान के तरीके से काफी प्रेरित हैं।

एटीके मोहन बाागन के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैंने पढ़ा कि विराट कोहली कैसे अपनी फिटनेस, ट्रेनिंग कार्यक्रम के साथ खान-पान का ध्यान रखते हैं और वह कभी भी अपने निजी ट्रेनर द्वारा बनाये गये कार्यक्रम के खिलाफ नहीं जाते।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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