झूलन के लिये दूसरे छोर पर मदद की कमी भारतीय महिला क्रिकेट के लिये चिंता का विषय : चोपड़ा

By भाषा | Published: September 23, 2021 06:51 PM2021-09-23T18:51:55+5:302021-09-23T18:51:55+5:30

Lack of help at the other end for Jhulan a matter of concern for Indian women's cricket: Chopra | झूलन के लिये दूसरे छोर पर मदद की कमी भारतीय महिला क्रिकेट के लिये चिंता का विषय : चोपड़ा

झूलन के लिये दूसरे छोर पर मदद की कमी भारतीय महिला क्रिकेट के लिये चिंता का विषय : चोपड़ा

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नयी दिल्ली, 23 सितंबर पूर्व भारतीय कप्तान अंजुम चोपड़ा को लगता है कि अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की मदद के लिये दूसरे छोर पर किसी बेहतरीन तेज गेंदबाज का नहीं होना देश की महिला क्रिकेट टीम के लिये चिंता का विषय बना रहेगा।

महिलाओं के खेल में महान सर्वकालिक तेज गेंदबाजों में से एक झूलन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी यात्रा करीब दो दशक पूर्व शुरू की थी। अब वह 38 वर्ष की हैं और अब भी मजबूती से भारतीय तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं लेकिन उन्हें लगातार दूसरे छोर से काफी मदद नहीं मिल रही है।

चोपड़ा ने बातचीत के दौरान पीटीआई से कहा, ‘‘झूलन की मदद के लिये कोई गेंदबाज नहीं है और ऐसा लंबे समय से हो रहा है। टीम के लिये यह चिंता का विषय बना हुआ है कि झूलन गोस्वामी के साथ सहयोगी की भूमिका के लिये कोई नहीं है। वहीं कई टीमें तीन तेज गेंदबाज उतारने की तैयारी कर रही हैं और हमें दो तेज गेंदबाज खिलाने में भी जूझना पड़ रहा है। ’’

चोपड़ा ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के लिये शिखा पांडे को नहीं चुना गया लेकिन वह इस साल के शुरू में इंग्लैंड गयी थी। मेघना सिंह है, लेकिन यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे इन मिले मौकों का फायदा उठायें। ’’

सत्ताईस वर्षीय मेघना एक तेज गेंदबाज हैं और आस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे पर गयी भारतीय टीम में शामिल तीन ऐसे खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है ।

हाल के समय में भारतीय टीम प्रबंधन ने वनडे में नियमित रूप से 250 से ज्यादा रन बनाने पर जोर दिया है जिसमें मुख्य कोच रमेश पोवार और बल्लेबाज स्मृति मंधाना शामिल हैं लेकिन चोपड़ा ने कहा कि यह रातों रात नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘250 से ज्यादा रन का लक्ष्य बनाना रातों रात नहीं हो सकता, हमें इसके लिये रणनीति, तैयारी और कौशल के स्तर की जरूरत है। यह 250 से ज्यादा, 300 या 350 रन हो सकता है। 250 रन का स्कोर अब इतना ज्यादा नहीं है क्योंकि महिलाओं का वनडे स्कोर पिछले कुछ वर्षों में अब काफी बड़ा हो गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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