नम आंखों से पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने लिया क्रिकेट से संन्यास, आईपीएल में दिल्ली और हैदराबाद के लिए दिखा चुका है दम

नमन ओझा ने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व किया है। वह खिताब जीतने वाली सनराइजर्स हैदराबाद के सदस्य थे।

By भाषा | Published: February 15, 2021 08:14 PM2021-02-15T20:14:01+5:302021-02-15T20:16:27+5:30

Indian wicketkeeper-batsman Naman Ojha announces retirement from all forms of cricket | नम आंखों से पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने लिया क्रिकेट से संन्यास, आईपीएल में दिल्ली और हैदराबाद के लिए दिखा चुका है दम

दिल्ली की टीम के लिए आईपीएल खेल चुके हैं नमन ओझा। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

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Highlights 2010 में श्रीलंके के खिलाफ नमन ओझा को डेब्यू करने का मौका मिला था। 2015 में उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुना गया। लेकिन वह अपने करियर को ज्यादा समय तक भारतीय टीम के साथ बढ़ा नहीं सकें।

भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने लगभग दो दशक तक घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद खेल के सभी प्रारूपों से सोमवार को संन्यास की घोषणा की। रणजी ट्राफी में विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा शिकार (351) का रिकार्ड अपने नाम रखने वाले मध्यप्रदेश के इस दिग्गज ने एक टेस्ट, एक एकदिवसीय और दो टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। 

ओझा ने एक संवाददाता सम्मेलन में खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वह अब दुनिया भर के टी20 लीगों में खेलना चाहते है। संन्यास की घोषणा करते समय संवाददाता सम्मेलन में इस 37 साल के खिलाड़ी की आंखे नम हो गयी थी। उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले रहा हूं। यह लंबा सफर था और राज्य एवं राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मेरा सपना पूरा हुआ। 

उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय टीम में मौका देने के लिए मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का शुक्रिया अदा किया। ओझा ने कहा कि मैं अपने करियर के दौरान साथ देने के लिए एमपीसीए, बीसीसीआई और साथी खिलाड़ियों और कोचों के अलावा आपने परिवार और दोस्तों का शुक्रिया करना चाहूंगा। महज 17 साल की उम्र में 2000-01 सत्र से घरेलू क्रिकेट में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी के लिए करिश्माई महेन्द्र सिंह धोनी के युग में राष्ट्रीय टीम के लिए अधिक मौके मिलना मुश्किल हो गया। 

घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन के बाद 2010 में श्रीलंके के खिलाफ एकदिवसीय और जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौ मैचों में खेलने का मौका मिला। उन्हें हालांकि एक एकदिवसीय और दो टी20अंतरराष्ट्रीय के बाद टीम में मौका नहीं मिला। भारत ए के साथ 2014 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने के बाद 2015 में उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुना गया। 

श्रीलंका दौरे पर तीसरे टेस्ट में उन्हें पदार्पण का मौका मिला था जिसमें उन्होंने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में 35 रन का योगदान दिया था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 143 मैचों में 41.67 की औसत से 9753 रन (रणजी में 7861 रन) बनाने के साथ विकेट के पीछे 54 स्टंपिंग सहित 471 शिकार करने वाले ओझा ने कहा कि उन्हें दूसरी टीमों से घरेलू क्रिकेट में खेलने का प्रस्ताव मिला था लेकिन परिवार को प्राथमिकता देने के कारण उन्होंने इस अस्वीकार कर दिया। 

ओझा ने कहा कि मेरे पीठ में दर्द की समस्या है ऐसे में लंबे प्रारूप में मुझे समस्या हो रही थी। इसका एक और कारण यह भी है कि किसी टीम से जुड़ने के बाद मुझे कम से कम छह महीने तक उनके साथ रहना होगा। मैं परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं। उन्होंने पिछले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश के खिलाफ अपना आखिरी रणजी मैच खेला था। 

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