भारत न्यूनतम स्कोर पर आउट, आस्ट्रेलिया आसान जीत के करीब

By भाषा | Published: December 19, 2020 12:11 PM2020-12-19T12:11:44+5:302020-12-19T12:11:44+5:30

India out on minimum score, Australia close to easy win | भारत न्यूनतम स्कोर पर आउट, आस्ट्रेलिया आसान जीत के करीब

भारत न्यूनतम स्कोर पर आउट, आस्ट्रेलिया आसान जीत के करीब

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एडीलेड, 19 दिसंबर भारतीय क्रिकेट के लिये शनिवार का दिन शर्मसार करने वाला रहा जब उसकी टीम टेस्ट मैचों में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट हो गयी और इस तरह से आस्ट्रेलिया को पहले दिन रात्रि टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन जीत के लिये 90 रन का लक्ष्य मिला।

भारतीय टीम ने जब नौ विकेट पर 36 रन बनाये थे तब मोहम्मद शमी को चोटिल होने के कारण क्रीज छोड़नी पड़ी जिससे पारी वहीं पर समाप्त हो गयी।

आस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन डिनर तक बिना किसी नुकसान के 15 रन बनाये थे और अब वह चार मैचों की श्रृंखला में शुरुआती बढ़त हासिल करने से केवल 75 रन दूर है। डिनर के समय मैथ्यू वेड 14 रन पर खेल रहे थे जबकि जो बर्न्स को अभी खाता खोलना है।

भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाये थे।

भारत की परेशानी यहीं पर समाप्त नहीं हुई है। तेज गेंदबाज शमी की कलाई पर चोट लग गयी है और वह श्रृंखला से बाहर हो सकते हैं। पैट कमिन्स की उठती हुई गेंद उनकी कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। इस तरह से भारतीय पारी 21.2 ओवर में समाप्त हो गयी।

भारतीय टीम ने पहली पारी में 53 रन की बढ़त हासिल की थी लेकिन इसके बावजूद वह शर्मनाक हार के कगार पर पहुंच गयी है।

भारतीय टीम के 1974 के प्रदर्शन का बोझ सुनील गावस्कर और अजित वाडेकर जैसे दिग्गज ढोते रहे हैं लेकिन अब इसकी जगह एडीलेड के प्रदर्शन ने ली है। गावस्कर की तरह वर्तमान क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली भी यह दिन भूलना चाहेंगे।

एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन हनुमा विहारी (आठ) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकार्ड की बराबरी करने से बच गयी।

आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की अतिरिक्त उछाल वाली गेंदों के सामने भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी खुलकर सामने आ गयी। गेंदबाजों ने गेंद की सीम का अच्छा इस्तेमाल किया।

तेज और उछाल भरी गेंदों के सामने भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। भारत का कोई भी बल्लेबाज दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाया।

नाइटवाचमैन जसप्रीत बुमराह (दो) के पहले ओवर में आउट होने के बाद जोश हेजलवुड (पांच ओवर में आठ रन देकर पांच विकेट) और पैट कमिन्स (10.2 ओवर में 21 रन देकर चार विकेट) भारतीय पारी को तहस नहस कर दिया। इससे भारत की मजबूत कहे जाने वाली बल्लेबाजी का दंभ भी खत्म हो गया।

मयंक अग्रवाल (नौ), चेतेश्वर पुजारा (शून्य) और अजिंक्य रहाणे (शून्य) तीनों ने एक ही तरह से अपने विकेट गंवाये। इन तीनों के लिये गेंद कोण लेकर आयी जिसमें थोड़ी उछाल थी और जो बल्ले को चूमकर विकेटकीपर टिम पेन के दस्तानों में समायी।

कप्तान विराट कोहली (चार) ने आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में गली में कैच दिया। इंग्लैंड में 2014 में वह इस तरह से आउट हुए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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