मैं अकस्मात ही क्रिकेटर बन गया : अश्विन

By भाषा | Published: February 26, 2021 07:44 PM2021-02-26T19:44:03+5:302021-02-26T19:44:03+5:30

I suddenly became a cricketer: Ashwin | मैं अकस्मात ही क्रिकेटर बन गया : अश्विन

मैं अकस्मात ही क्रिकेटर बन गया : अश्विन

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अहमदाबाद, 26 फरवरी विराट कोहली ने उन्हें वर्तमान समय का ‘लीजेंड’ करार दिया लेकिन भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि वह वास्तव में अकस्मात ही क्रिकेटर बने।

अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ यहां तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में 400वां टेस्ट विकेट हासिल किया। उन्होंने मैच में सात विकेट लिये और अब उनके विकेटों की संख्या 401 पर पहुंच गयी है।

अश्विन ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, ‘‘मैं अकस्मात ही क्रिकेटर बना। मैं असल में क्रिकेट को चाहने वालों में शामिल था जो क्रिकेटर बन गया। मैं यहां अपना सपना जी रहा हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत की तरफ से खेलूंगा। ’’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन से उन्हें अहसास हुआ कि वह कितने भाग्यशाली हैं जो उन्हें भारत की तरफ से खेलने का मौका मिला।

अश्विन ने कहा, ‘‘मैच समाप्त होने के बाद और अगर मैंने जीत में योगदान दिया तो मैं सोचता था कि मुझ पर ईश्वर की कृपा है लेकिन कोविड के समय में मुझे अहसास हुआ कि मैं कितना भाग्यशाली हूं जो मुझे भारत की तरफ से खेलने का मौका मिला। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि जब मैं आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) से वापस आया तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं आस्ट्रेलिया में खेलूंगा और इसलिए मैं कहता हूं सब कुछ उपहार है। जिस खेल को मैंने चाहा उसने मुझे वापस बहुत कुछ दिया। ’’

अश्विन ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान व्यक्तिगत प्रदर्शन के कई वीडियो देखे जिससे उनकी खेल के प्रति अपनी समझ बेहतर हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले भी काफी फुटेज देखा करता था लेकिन इस बार मेरी खेल के प्रति समझ बेहतर हुई। लॉकडाउन के दौरान मैंने पूर्व के कई मैच देखे विशेषकर सचिन की चेपॉक में खेली गयी पारी और अन्य मैच। ’’

अश्विन ने जोफ्रा आर्चर के रूप में 400वां विकेट लिया और बल्लेबाज ने जब डीआरएस लिया तभी उन्हें अहसास हुआ कि वह इस मुकाम पर पहुंच गये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘असल में उस समय जब उसने (आर्चर) डीआरएस लिया तभी मुझे अहसास हुआ कि मैंने 400वां विकेट ले लिया है। इसके बाद उन्होंने बोर्ड पर 400वां विकेट दिखाया, स्टेडियम में सभी खड़े होकर तालियां बजा रहे थे। पिछले तीन महीने परीकथा की तरह रहे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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