इतिहास रचा, भारत में अब कोविड से लड़ने का मजबूत सुरक्षा कवच है: मोदी

By भाषा | Published: October 21, 2021 07:16 PM2021-10-21T19:16:01+5:302021-10-21T19:16:01+5:30

History created, India now has a strong security cover to fight Kovid: Modi | इतिहास रचा, भारत में अब कोविड से लड़ने का मजबूत सुरक्षा कवच है: मोदी

इतिहास रचा, भारत में अब कोविड से लड़ने का मजबूत सुरक्षा कवच है: मोदी

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नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड रोधी टीकाकरण के तहत बृहस्पतिवार को भारत के 100 करोड़ खुराक का आंकड़ा पार करने पर कहा कि देश के पास पिछले 100 वर्ष की सबसे बड़ी वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए अब एक मजबूत ‘सुरक्षा कवच’ है।

मोदी ने टीकाकरण की इस उपलब्धि को भारतीय विज्ञान, उद्यम और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की विजय करार दिया और यहां स्थित राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल का दौरा किया जहां उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों तथा टीका लगवाने पहुंचे लाभार्थियों से बात की।

प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के झज्जर परिसर में बने राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में इन्फोसिस फाउंडेशन विश्राम सदन का उद्घाटन करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा, ‘‘21 अक्टूबर, 2021 का यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। भारत ने कुछ ही देर पहले टीकों की 100 करोड़ खुराक देने का आंकड़ा पार किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 100 वर्ष की सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देश के पास अब टीकों की 100 करोड़ खुराक का एक मजबूत ‘‘सुरक्षा कवच’’ है। यह भारत की, भारत के हर नागरिक की उपलब्धि है।’’

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत ने इतिहास रच दिया। हम भारतीय विज्ञान, उद्यम और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की विजय के साक्षी बन रहे हैं। टीकाकरण में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने पर भारत को बधाई। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और उन सभी को धन्यवाद जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम किया।’’

देश के 100 करोड़ खुराक का आंकड़ा पार करने के बाद आरएमएल अस्पताल पहुंचे मोदी ने वहां लाभार्थियों से उनकी रुचियों के बारे में पूछने से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कर्मियों से उनके अनुभव जानने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘आज, जब भारत ने वैक्सीन सेंचुरी हासिल कर ली है, मैं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक टीकाकरण केंद्र में गया। टीका हमारे नागरिकों के जीवन में गर्व और सुरक्षा लेकर आया है।’’

मोदी ने व्हीलचेयर पर बैठकर टीका लगवाने आरएमएल अस्पताल पहुंची एक लाभार्थी से उसकी रुचियों के बारे में पूछा।

लाभार्थी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि मेरे शौक क्या हैं और मैंने उनसे कहा कि मुझे गाना पसंद है, तो उन्होंने मुझसे किसी गाने की दो लाइन गाने को कहा जो मैंने किया।’’

इस लाभार्थी की मां ने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री का हमसे मुलाकात करना एक सपने जैसा था।’’

लाभार्थी की मां ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) मुझसे पूछा कि मैं उसकी (अपनी बेटी) देखभाल कैसे करती हूं और उसके टीकाकरण में देरी क्यों हुई ? उन्होंने मेरी बेटी से भी उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा। हमें एक ऐसे देश का नागरिक होने पर गर्व है जहां के प्रधानमंत्री इतने विनम्र हैं और जो लोगों से जुड़े हुए हैं।’’

वहीं, दिव्यांग अरुण राय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘‘दिव्यांग’’ कहकर सम्मान प्रदान किया है।

राय ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि हमें दिव्यांग कहकर आपने हमें बहुत सम्मान दिया है और इससे हम बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उन्होंने (प्रधानमंत्री) कहा कि पैरालंपिक खिलाड़ियों और देश को उनके द्वारा दिलाई जा रही प्रतिष्ठा को देखिए। मैंने उनसे कहा कि मैं भी क्रिकेट खिलाड़ी हुआ करता था।’’

राय को जब टीके की पहली खुराक लगी तो प्रधानमंत्री उनके साथ खड़े हुए थे। मोदी ने अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों से भी बातचीत की।

स्वास्थ्यकर्मी जसमीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे उनका अनुभव पूछा। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें टीकाकरण केंद्र में अपने अनुभव और अपने कर्तव्य के बारे में बताया। मैंने उन्हें बताया कि हम लोगों को कैसे समझाते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण एक महत्वपूर्ण साधन है।’’

अन्य स्वास्थ्यकर्मी (एक नर्स) ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का हमसे मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि मेरा सफर कैसा रहा है और मैंने उन्हें बताया कि मैंने लाभार्थियों को टीके की 15,000 खुराक दी हैं। उन्होंने मुझसे मेरे अनुभव और इस बारे में पूछा कि टीका लगवाते समय लाभार्थियों की किस तरह की प्रतिक्रिया होती है।’’

प्रधानमंत्री ने अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक गार्ड से भी मुलाकात की।

गार्ड ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) मुझसे पूछा कि कोविड के समय मैंने अपनी ड्यूटी किस तरह की और इस बारे में भी कि मेरा परिवार चिंतित होता होगा। मैंने उनसे कहा कि वे (परिवार) मुझे रोकते थे लेकिन मैं अपने देश की सेवा करना चाहता था।’’

इस गार्ड ने प्रधानमंत्री से बातचीत में इस बात का भी जिक्र किया कि उन्होंने अपने को चौकीदार कहा था।

गार्ड ने कहा, ‘‘मैंने उनसे यह भी कहा कि आपने एक बार कहा था कि आप देश के चौकीदार हैं। इससे हमारा मनोबल बढ़ा और इस वजह से हमें सम्मान मिलता है। उन्होंने मेरी पीठ भी थपथपाई।’’

मोदी खुद को प्राय: ऐसा ‘चौकीदार’ कहते रहे हैं जो न भ्रष्टाचार करने देगा और न ही खुद भ्रष्ट होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोविड रोधी टीकाकरण में 100 करोड़ खुराक के आंकड़े तक पहुंचने में भारत को 279 दिन लगे हैं।

देश में कोविड रोधी टीकाकरण अभियान की शुरुआत इस साल 16 जनवरी से हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण शुरू हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए।

देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के कोविड रोधी टीकाकरण की शुरुआत एक अप्रैल से हुई थी और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ था।

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