अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है, मोदी ने ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों के संघर्षों की सराहना की

By भाषा | Published: July 13, 2021 08:13 PM2021-07-13T20:13:49+5:302021-07-13T20:13:49+5:30

Don't be burdened with expectations, Modi appreciates struggles of Olympic going players | अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है, मोदी ने ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों के संघर्षों की सराहना की

अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है, मोदी ने ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों के संघर्षों की सराहना की

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नयी दिल्ली , 13 जुलाई संघर्षों से सफलता का सफर तय करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में उन्हें अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है बल्कि अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का लक्ष्य रखना है ।

मोदी ने 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों के लिये जा रहे भारतीय खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिये उनसे वर्चुअल बातचीत की । उन्होंने खिलाड़ियों के जीवन के कई यादगार प्रसंगों का जिक्र किया और उनके अनुभवों के बारे में भी पूछा । उन्होंने खिलाड़ियों के सफर में उनके माता पिता के योगदान का भी उल्लेख किया।

उन्होंने खिलाड़ियों से कहा ,‘‘आपको अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है । अपना शत प्रतिशत देना है । पूरे देश की शुभकामनायें आपके साथ है । मुझे यकीन है कि आप तोक्यो में देश को गौरवान्वित करेंगे ।’’

मोदी ने कहा ,‘‘कोरोना ने बहुत कुछ बदल दिया है । ओलंपिक का साल और आपकी तैयारियों का तरीका बदल गया । तोक्यो में भी आपको अलग तरह का माहौल मिलेगा । देश को इस बातचीत से पता चला कि इस कठिन समय में भी देश के लिये आपने कितनी मेहनत की है । देश आपको चीयर कर रहा है । 135 करोड़ भारतीयों की शुभकामनायें खेल के मैदान में उतरने से पहले आप सभी के लिये देश का आशीर्वाद है ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ आपके साथ देश भर की भावनायें जुड़ी हुई है । आप सभी को एक साथ देखने पर कुछ चीजें कॉमन नजर आ रही है । आप सभी बोल्ड , कांफिडेंट और पॉजिटिव हैं। आपमें डिसिप्लिन, डेडिकेशन और डिटरमिनेशन है । यही खूबी नये भारत की भी है और आप सभी उसके प्रतीक हैं ।’’

उन्होंने आगे कहा ,‘‘ आप देश के लिये पसीना बहाते हैं । देश का झंडा लेकर जाते हैं तो यह देश का दायित्व है कि आपके साथ डटकर खड़ा रहे ।आपकी ऊर्जा को देखकर कोई संदेह नहीं बचता कि वह दिन दूर नहीं जब जीतना ही न्यू इंडिया की आदत बन जायेगी । अभी तो ये शुरूआत है । आप तोक्यो जाकर देश का परचम लहरायेंगे तो पूरी दुनिया देखेगी ।’’

तोक्यो ओलंपिक खेलने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों पी वी सिंधु (बैडमिंटन) , नीरज चोपड़ा (भालाफेंक) सानिया मिर्जा (टेनिस), एम सी मैरीकॉम (मुक्केबाजी) , सौरभ चौधरी और इलावेनिल वालारिवान (निशानेबाजी), दुती चंद (एथलेटिक्स), मनप्रीत सिंह (हॉकी), विनेश फोगाट (कुश्ती) , साजन प्रकाश (तैराकी) , दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव (तीरंदाजी), आशीष कुमार (मुक्केबाजी) , मनिका बत्रा और अचंता शरत कमल (टेबल टेनिस) से प्रधानमंत्री ने बात की ।

इस बातचीत में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर , खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, पूर्व खेलमंत्री किरेन रीजीजू, आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के अलावा कई खिलाड़ियों के माता पिता भी मौजूद थे ।

मोदी ने कई खिलाड़ियों के माता पिता से भी बात की । खिलाड़ियों से बातचीत में हंसी मजाक का भी पुट था, मसलन उन्होंने रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिेंधु से कहा कि रियो ओलंपिक से पहले कोच पुलेला गोपीचंद ने उनकी आइसक्रीम छुड़वा दी थी लेकिन तोक्यो से लौटने के बाद वह खुद सिंधु के साथ आइसक्रीम खायेंगे । वहीं पहलवान विनेश फोगाट से पूछा कि क्या उनके जीवन पर भी फिल्म बन रही है ।

एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे तीरंदाज प्रवीण कुमार से बातचीत में उन्होंने कहा ,‘‘ जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं का चयन सही हो तो देश की प्रतिभा क्या नहीं कर सकती, यह हमारे खिलाड़ियों ने दिखाया है ।’’ उन्होंने प्रवीण के पिता से मराठी में बात करते हुए कहा ,‘‘ कस काय (आप कैसे हैं) प्रकृति बरी आहे ना (तबीयत ठीक है ना) ’’ ।

ओलंपिक से ठीक पहले अपने पिता को खोने वाले मुक्केबाज आशीष कुमार को चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ तेंदुलकर भी एक समय बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट खेल रहे थे जब उनके पिता का निधन हो गया । उन्होंने अपने खेल के माध्यम से पिता को श्रृद्धांजलि दी । आपने भी वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है । एक खिलाड़ी के तौर पर आप विजेता हैं ही , साथ ही एक व्यक्ति के तौर पर भी आपने विषमताओं पर विजय प्राप्त की है ।’’

दुनिया की नंबर एक तीरंदाज और हाल ही में पेरिस में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली दीपिका कुमारी से मोदी ने पूछा कि वह अपेक्षाओं के दबाव और अपने प्रदर्शन के बीच संतुलन कैसे बनाती है, इस पर दीपिका ने कहा कि वह पूरा फोकस प्रदर्शन पर रखती है।

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ आम खाने के अपने शौक के कारण आप तीरंदाज बनी और पेरिस में विश्व कप में स्वर्ण पदक के साथ दुनिया की नंबर एक तीरंदाज भी बन गई । आपकी यह यात्रा आम से शुरू होकर खास बन गई ।’’

उन्होंने कुश्ती में पदक उम्मीद विनेश फोगाट से पूछा कि परिवार की ख्याति के कारण अपेक्षाओं का बोझ होगा, उससे कैसे निबटती हैं।

इस पर विनेश ने कहा ,‘‘ उम्मीदें जरूरी है जो अच्छे प्रदर्शन के लिये प्रेरित करती हैं । उन्होंने कहा ,‘अपेक्षाओं का दबाव नहीं है । अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे । खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रहना होता है । परिवार की भूमिका अहम रहती है और हमेशा परिवार का साथ मिला । ’’

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा ,‘‘ भारत ने हॉकी में ओंलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीते हैं और इस समय मुझे मेजर ध्यानचंद, केडी सिंह बाबू और मोहम्मद शाहिद जैसे महान खिलाड़ियों की याद आ रही है । उम्मीद है कि भारतीय टीम सफलता के उस सिलसिले को दोहरायेगी ।’’’

महान मुक्केबाज मैरीकॉम से उन्होंने पूछा कि उनका पसंदीदा खिलाड़ी कौन है तो मैरीकॉम ने मोहम्मद अली का नाम लिया । उन्होंने मैरीकॉम से यह भी पूछा कि कोरोना के बीच परिवार और अपने खेल में संतुलन कैसे बनाती हैं ।

अहमदाबाद में पली बढी निशानेबाज इलावेनिल से उन्होंने गुजराती में बात की । मोदी ने उनके कैरियर से शुरूआती दिनों का जिक्र किया जब वह मणिनगर में थी जहां से मोदी विधायक थे । प्रधानमंत्री ने निशानेबाज सौरभ चौधरी से एकाग्रता बढाने के लिये योग के महत्व के बारे में बात कीं । वहीं टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से टेनिस की बढती लोकप्रियता और इसमें उनकी भूमिका के बारे में चर्चा की।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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