असम चुनाव में लोगों को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस का सीएए पर ‘दुष्प्रचार’ असफल रहा : अनुराग ठाकुर

By भाषा | Published: April 4, 2021 03:53 PM2021-04-04T15:53:11+5:302021-04-04T15:53:11+5:30

Congress's 'propaganda' on CAA to impress people in Assam election failed: Anurag Thakur | असम चुनाव में लोगों को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस का सीएए पर ‘दुष्प्रचार’ असफल रहा : अनुराग ठाकुर

असम चुनाव में लोगों को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस का सीएए पर ‘दुष्प्रचार’ असफल रहा : अनुराग ठाकुर

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(दुर्बा घोष)

गुवाहाटी, चार अप्रैल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि असम में कांग्रेस और अन्य पार्टियां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का इस्तेमाल चुनाव में लोगों को भ्रमित करने के लिए ‘दुष्प्रचार’ के तौर पर कर रही हैं लेकिन वे इसमें असफल रही हैं।

ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा,‘‘यह दुष्प्रचार कि सीएए असमवासियों के अधिकारों के खिलाफ है, पूरी तरह से धराशायी हो गया है क्योंकि लोगों ने विधानसभा चुनाव में इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने सीएए को लेकर खूब हो-हल्ला किया और चुनाव में यह धारना बनाने की कोशिश की कि यह कानून यहां के लोगों के अधिकारों के खिलाफ है, परंतु झूठ के पांव नहीं होते।’’

उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का शिकार होने की वजह से आए (31 दिसंबर 2014 के दिन तक) हिंदू, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिख और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देना है।

वित्त एवं निगम राज्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि असम की जनता जानती है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार कोई भी कदम उनके हितों के खिलाफ नहीं उठाएगी।

विपक्षी कांग्रेस द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान शुरू पांच गांरटी अभियान में वादा किया गया है कि अगर वह राज्य की सत्ता में आएगी तो सीएए लागू नहीं होगा और विधानसभा में इस पर सहमति नहीं देने की कार्रवाई की जाएगी।

राज्य में कांग्रेस-एआईयूडीएफ गठबंधन पर हमला करते हुए ठाकुर ने कहा, ‘‘इससे कांग्रेस की वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की नीति उजागर हुई है जिसका वह हमेशा से इस्तेमाल करती है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए इतना नीचे गिर गई है कि उसके नेता राहुल गांधी एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल का उल्लेख असम की पहचान के तौर पर कर रहे हैं।

ठाकुर ने सवाल किया, ‘‘क्या राज्य की जनता कभी भी इसे स्वीकार करेगी?’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस घुसपैठियों की पीठ पर बैठ कर सत्ता में आना चाहती है और राजग घुसपैठियों को रोकने के लिए।’’

ठाकुर ने कहा, ‘‘ कांग्रेस ‘भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता’ का प्रतिनिधित्व करती है जबकि राजग सुशासन और विकास का प्रतीक है।’’

उन्होंने कहा कि गत पांच साल में डबल इंजन की सरकार (केंद्र में राजग और राज्य में सर्बानंद सोनोवाल नीत सरकार) ने योजनाओं को लागू करना सुनिश्चित किया और लाभार्थियों को लाभ देने पर ध्यान केंद्रित किया।

ठाकुर ने कहा कि गत पांच साल में असम पारदर्शी सरकार के साथ नयी ऊंचाई पर पहुंचा जिसने जवाबदेही और सुशासन सुनिश्चित की।

कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की भाजपा से तुलना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 साल तक राज्य का प्रतिनिधित्व किया लेकिन अपने कार्यकाल में 10 बार भी असम नहीं आए, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले छह साल में 35 बार असम का दौरा कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा 10 साल में केवल 80 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए जबकि मोदी सरकार ने गत पांच साल में राज्य को 1.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित की है।

ठाकुर ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि राजग सरकार असम का विकास सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है और उसने अपने कार्यकाल में कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि लोग यह जानते हैं और वे लगातार दूसरी बार राजग की सरकार को लाएंगे ताकि विकास प्रक्रिया जारी रह सके।

ठाकुर ने कहा कि निरंतरता बहुत अहम है ताकि विकास हो और असम देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो।

उन्होंने कहा, ‘‘अवैध प्रवासियों के हुजूम को रोकने के लिए भी अगले पांच साल तक राजग सरकार की निरंतरता जरूरी है, हम सुनिश्चित करेंगे कि सीमाओं को पूरी तरह से सील करने के बचे हुए काम पूरे किए जाएं।’’

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि उनके कार्यकाल में गुवाहाटी के असम क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम का काम पूरा हुआ और उन्होंने सुनिश्चित किया कि आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय मैच राज्य को आवंटित हो।

ठाकुर ने जोर देकर कहा कि असम को बाढ़, भ्रष्टाचार, बंद, हिंसा और घुसपैठ मुक्त बनाने की राजग सरकार की पहल से लोग सहमत हैं कि राज्य में उसका कोई विकल्प नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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