कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन जुटाने वाले नेक लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते क्योंकि सरकार विफल रही: अदालत

By भाषा | Published: July 29, 2021 07:01 PM2021-07-29T19:01:09+5:302021-07-29T19:01:09+5:30

Can't take action against noble people collecting oxygen for Covid patients as government failed: Court | कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन जुटाने वाले नेक लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते क्योंकि सरकार विफल रही: अदालत

कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन जुटाने वाले नेक लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते क्योंकि सरकार विफल रही: अदालत

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नयी दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 रोगियों के लिए नेताओं द्वारा ऑक्सीजन जुटाने के मामले में बृहस्पतिवार को कहा कि नेक लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती जिन्होंने ऐसे समय ऑक्सीजन का प्रबंध किया जब राष्ट्रीय राजधानी में महामारी की दूसरी लहर के दौरान केंद्र और दिल्ली सरकार पर्याप्त प्राणवायु उपलब्ध कराने में विफल रहीं।

अदालत ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था करने और इन्हें कोविड रोगियों को वितरित करने के मामले में आप विधायक प्रवीण कुमार के खिलाफ मुकदमा शुरू करने पर दिल्ली के औषधि नियंत्रण विभाग को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि ‘‘राजनीतिक लाभ’’ के लिए ‘‘मानव त्रासदी’’ का इस्तेमाल किया गया है।

कार्रवाई को एक खास पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने का कदम करार देते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि यदि औषधि नियंत्रक चिकित्सीय ऑक्सीजन जुटाने और वितरित करने के लिए किसी एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई पर आगे बढ़ता है तो उसे सभी गुरुद्वारों, मंदिरों, गिरजाघरों, सामाजिक संगठनों तथा उन सभी अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा चलाना होगा जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्राणवायु जुटाई और इसे मरीजों को वितरित किया।

पीठ ने औषधि नियंत्रक को यह स्पष्ट करने के लिए समय प्रदान कर दिया कि क्या वह ऐसे सभी लोगों पर मुकदमा चलाना चाहता है जिन्होंने चिकित्सीय ऑक्सीजन जुटाई और जरूरमंद रोगियों को इसका नि:शुल्क वितरण किया।

मामले में अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी।

उच्च न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि चिकित्सीय ऑक्सीजन का मुद्दा तकनीकी है और यह कोविड रोधी दवाओं की जमाखोरी के मुद्दे से भिन्न है।

पीठ ने कहा, ‘‘क्या हमने यह नहीं कहा था कि आप ऑक्सीजन के मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ेंगे? यदि आप इस तरह आगे बढ़ रहे हैं तो आप आधी दिल्ली के खिलाफ आगे बढ़िए और सभी गुरुद्वारों के खिलाफ भी।’’

इसने कहा कि उद्देश्य दूसरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना समाज की मदद करने का है।

अदालत ने इस मामले को क्रिकेट जगत से राजनीति में आए भाजपा नेता गौतम गंभीर से जुड़े मामले से अलग बताया जिन्होंने बड़ी मात्रा में फैबीफ्लू दवा खरीदकर इसे कोविड रोगियों को वितरित किया था।

इसने कहा कि गंभीर की मंशा अच्छी हो सकती है, लेकिन इसकी अनुमति नहीं है।

गंभीर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव के आग्रह पर उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पहले हुई सुनवाई के दौरान की गयी उसकी प्रतिकूल टिप्पणियां निचली अदालत में कार्यवाही के मार्ग में नहीं आएंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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