मेरी जिंदगी के क्रिकेट का सबसे शानदार दिन और शायद हमेशा रहेगा: ऐजाज पटेल

By भाषा | Published: December 4, 2021 08:49 PM2021-12-04T20:49:44+5:302021-12-04T20:49:44+5:30

Best day of cricket of my life and will probably always be: Aijaz Patel | मेरी जिंदगी के क्रिकेट का सबसे शानदार दिन और शायद हमेशा रहेगा: ऐजाज पटेल

मेरी जिंदगी के क्रिकेट का सबसे शानदार दिन और शायद हमेशा रहेगा: ऐजाज पटेल

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मुंबई, चार दिसंबर न्यूजीलैंड के स्पिनर ऐजाज पटेल जानते हैं कि टेस्ट की एक पारी में 10 विकेट का कारनामा उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन और उनके क्रिकेट का सबसे शानदार दिन भी रहेगा।

मुंबई में जन्में बायें हाथ के स्पिनर ऐजाज इस शानदार प्रदर्शन से काफी खुश थे जिसकी बदौलत वह टेस्ट इतिहास में जिम लेकर (1956) और अनिल कुंबले (1999) के बाद एक पारी में 10 विकेट चटकाने वाले तीसरे गेंदबाज बने और वह भी अपने जन्मस्थल पर।

ऐजाज ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से यह मेरी जिंदगी के क्रिकेट दिनों में सबसे शानदार दिन में से एक होगा और यह शायद हमेशा रहेगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीम के लिये हालांकि हमने खुद को काफी मुश्किल स्थिति में पहुंचा दिया है। हमें कल डटकर सामना करना होगा और जहां तक संभव हो, प्रयास करना होगा और देखना होगा कि हम मैच का रूख बदल सकते हैं या फिर कुछ विशेष कर सकते हैं। ’’

उन्हें अपनी उपलब्धि पर यकीन करने में अभी थोड़ा और समय लगेगा लेकिन इसे सहेजने से पहले ही भारतीय गेंदबाजों ने उनके बल्लेबाजी क्रम को झकझोर दिया।

तो क्या अब तक इस पर यकीन हो गया है? उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘‘नहीं, अभी नहीं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं मैदान से बाहर आया तो चीजें काफी तेजी से हो गयीं। इन चीजों पर काफी देर तक यकीन नहीं होता। यह मेरे लिये, मेरे परिवार और मेरी पत्नी के लिये शानदार है। आप बतौर क्रिकेटर काफी समय घर से बाहर बिताते हो और इस मौके के लिये मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं। यह मेरे लिये बहुत विशेष उपलब्धि है। ’’

कुंबले के ट्वीट से वह काफी खुश थे, उन्होंने कहा, ‘‘हां, मुझे उनके 10 विकेट लेना याद है। मैंने कई बार उस मैच की ‘हाइलाइट’ देखी हैं। इस समूह का हिस्सा बनना शानदार है। उनका संदेश देखना शानदार था। उनके साथ इस उपलब्धि में जुड़कर भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। ’’

भारतीय पारी के किसी भी चरण में उनके दिमाग में 10 विकेट चटकाने की बात आयी थी? तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, नहीं। मैं जानता था कि इसके लिये काम करना होगा। मैं ‘ऑनर्स बोर्ड’ में आना चाहता था। लेकिन ऐसा होना विशेष था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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