सीओए पर BCCI के कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी का पलटवार, सबा करीम के ब्रिटेन दौरे पर उठाए सवाल

बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष ने सबा करीम के लिए नौ दिन की अवधि की खातिर 4,050 डॉलर के महंगाई भत्ते को मंजूरी देने का कारण पूछा है।

By भाषा | Published: July 9, 2018 06:17 PM2018-07-09T18:17:56+5:302018-07-09T18:18:55+5:30

bcci treasurer raised questions on saba karim uk visit | सीओए पर BCCI के कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी का पलटवार, सबा करीम के ब्रिटेन दौरे पर उठाए सवाल

Saba Karim

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नई दिल्ली, 9 जुलाई: बीसीसीआई के पदाधिकारियों के विदेश दौरे पर अक्सर सवाल उठाने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) को आज इसके ठीक उलट स्थिति का सामना करना पड़ा जब कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम के आगामी ब्रिटेन दौरे को लेकर सवाल किए। 

बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष चौधरी ने करीम के लिए नौ दिन की अवधि की खातिर 4,050 डॉलर के महंगाई भत्ते को मंजूरी देने के कारण पूछे और दौरे से जुड़े दस्तावेज मांगे। करीम का हर दिन का महंगाई भत्ता (करीब) 30,000 रुपये है जिसमें होटल का किराया शामिल नहीं है। कोषाध्यक्ष ने प्रशासकों की समिति को भेजे अपने ईमेल (जिसकी एक प्रति पीटीआई के पास है) में पूर्व के मामलों से तुलना करते हुए कहा कि प्रशासकों ने किस तरह टी 20 श्रृंखला के दौरान सचिव का ब्रिटेन दौरा रोक दिया था और कहा था कि उनके दौरे से कोई फायदा नहीं मिलेगा। 

उन्होंने लिखा, 'मुझे एक ईमेल मिला है जिसमें थॉमस कुक (ट्रेवल कंपनी) को भेजे जाने वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है ताकि सैयद सबा करीम की नौ दिन की प्रस्तावित ब्रिटेन यात्रा के लिए महंगाई भत्ते के रूप में 4,050 डॉलर के बराबर की राशि जारी की जा सके।' 

कोषाध्यक्ष ने कहा कि वह इस पर हस्ताक्षर कर देंगे लेकिन वह (सीओए के सदस्यों) विनोद राय और डायना एडुल्जी से चार सवाल पूछना चाहते हैं।उन्होंने कहा, 'पहला सवाल मंजूरी देने से पहले उनकी (करीम) ब्रिटेन यात्रा का मकसद और उससे जुड़ी फैसले लेने की प्रक्रिया और ईसीबी (इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड) से निमंत्रण या ईसीबी के साथ कोई पत्राचार को दिखाने वाले दस्तावेज से जुड़ा है।' 

चौधरी ने कहा, 'दूसरा सवाल यह है कि संबंधित दस्तावेज दिखाते हैं कि मंजूरी दी गयी है। तीसरा मुद्दा उस सूचना से जुड़ा है कि क्या हाल में कोई दूसरा कर्मचारी ब्रिटेन गया है।'

उन्होंने कहा, 'आखिरी सवाल कि अगर इस बात की संभावना है कि हाल में इस तरह की कोई यात्रा हुई तो क्या वह कर्मचारी वह काम नहीं कर सकता था जिसके लिए करीम अब वहां जाएंगे ?'

चौधरी ने कहा कि प्रशासकों की समिति के निर्देशों के तहत उनपर सवाल करने से 'रोक' है लेकिन वह अपनी सामान्य जिज्ञासा के लिए यह जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे इस मुद्दे पर आपसे बात करने में कुछ संकोच हो रहा है क्योंकि मैं सामान्य रूप में कर्मचारी से और विवरण मांगता तथा विवरण , मंजूरी एवं बिल को लेकर खुद को संतुष्ट करने के संबंध में सीओए के सदस्यों को परेशान नहीं करना चाहता क्योंकि कभी कभी एक महीने में 3,000 से ज्यादा भुगतान हुए हैं जिनकी मुझे सामान्य रूप से जांच करनी चाहिए।' 

कोषाध्यक्ष ने कहा, 'लेकिन आपके निर्देश मुझे कर्मचारी से कोई विवरण / बिल वगैरह मांगने से रोकते हैं और मेरे लिए जरूरी है कि आपके निर्देश के अनुरूप मैं केवल सीओए से इस तरह के विवरण मांगूं। इसलिए मैं यह ईमेल लिख रहा हूं।' 

उन्होंने कहा कि वह करीम के दौरे का मकसद जानना चाहते हैं क्योंकि हाल में कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को ऐसा करने से रोक दिया गया था। चौधरी ने उस ईमेल का संदर्भ दिया जिसमें कार्यवाहक सचिव के दौरे को लेकर सीओए ने कहा था कि इससे बीसीसीआई को कोई फायदा नहीं होगा। 

उन्होंने कहा, 'इसलिए हालांकि मुझे नहीं पता कि करीम को नौ दिन के दौरे पर क्यों भेजा जा रहा है , मेरे हस्ताक्षर मांगने के लिए भेजे गए पत्र के अलावा मुझे कोई कागजात , दस्तावेज या पत्र नहीं भेजे गए जिनसे मेरी जिज्ञासा शांत होती।' 

कोषाध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह स्पष्टीकरण चाहते हैं क्योंकि बीसीसीआई के लिए विदेशी विनियमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत बनाए गए नियमों का पालन करना जरूरी है। 

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