लाइव न्यूज़ :

थोक मुद्रास्फीति 25 महीने का न्यूनतम स्तर, जुलाई में घट कर 1.08 प्रतिशत पर पहुंची

By भाषा | Updated: August 14, 2019 17:48 IST

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य वर्ग की मुद्रास्फीति जून के 6.98 प्रतिशत से नरम होकर 6.15 प्रतिशत पर आ गयी।

Open in App

खाद्य सामग्री, ईंधन तथा विनिर्मित उत्पादों की कीमतें कम होने के कारण थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जुलाई महीने में 1.08 प्रतिशत पर आ गयी। यह थोक मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने आयी कमी है। यह 25 महीने के निम्नतम स्तर पर है। थोक मुद्रास्फीति जून में 2.02 प्रतिशत तथा पिछले साल जुलाई में 5.27 प्रतिशत थी।

इससे पहले जून 2017 में यह इससे नीचे 0.90 प्रतिशत पर थी। जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति भी जून के 3.18 प्रतिशत की तुलना में नरम होकर 3.15 प्रतिशत रही है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर निर्णय करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर ही गौर करता है। लेकिन इसमें तेज गिरावट के कारण अगली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में भी रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर घटाये जाने की संभावना को बल मिलता है।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य वर्ग की मुद्रास्फीति जून के 6.98 प्रतिशत से नरम होकर 6.15 प्रतिशत पर आ गयी।

थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं को 15 प्रतिशत भारांश दिया गया है। खाद्य वस्तुओं के वर्ग में आलू के भाव में गिरावट जारी रही। आलू में जून का भाव एक साल पहले की तुलना में 24.27 प्रतिशत नीचे रहा। जुलाई में यह सालाना आधार पर 23.63 प्रतिशत सस्ता था।

सब्जियों के वर्ग में मुद्रास्फीति 24.76 प्रतिशत से गिरकर 10.67 प्रतिशत रह गयी। हालांकि फलों में थोक मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि देखने को मिली और यह जून के 1.87 प्रतिशत की तुलना में जुलाई में 15.38 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

ईंधन एवं बिजली वर्ग में थोक भाव सालाना आधार पर और गिरे है। गत जून में इस वर्ग में थोक मूल्य सूचकांक सालाना आधार पर 2.20 प्रतिशत कम था। जुलाई दरें एक साल पहले से 3.64 प्रतिशत नीचे आ गयीं।

अखाद्य सामग्रियों में थोक मुद्रास्फीति 5.06 प्रतिशत से कम होकर 4.29 प्रतिशत पर आ गयी। विनिर्मित उत्पादों में थोक मुद्रास्फीति 0.94 प्रतिशत से गिरकर 0.34 प्रतिशत पर आ गयी।

थोक मूल्य सूचकांक में विनिर्मात उत्पादों की 64.23 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि निकट भविष्य में थोक मुद्रास्फीति के नरम रहने का ही अनुमान है। हालांकि रुपया के कमजोर रहने से आयात की लागत में वृद्धि देखने को मिल सकती है।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुद्रा शोध प्रमुख राहुल गुप्ता ने कहा कि थोक मुद्रास्फीति में गिरावट अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण खाद्य सामग्रियों की मुद्रास्फीति में कमी आना रहा है।

टॅग्स :मुद्रास्फीतिसेंसेक्सनिफ्टीशेयर बाजार
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारShare Market Today: 4 दिनों की गिरावट पर लगाम, सेंसेक्स 158 अंक चढ़ा

कारोबारStock Market Today: शेयर बाजार में थमी गिरावट, बढ़त के साथ शुरू हुआ कारोबार

कारोबारStock Market Today: सेंसेक्स 380 अंक फिसला, निफ्टी 26077 पर लुढ़का, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट

कारोबारStock Market Updates: 86,159.02 अंक पर पहुंचा शेयर बाजार, 26,325.80 अंक के सर्वकालिक स्तर पर निफ्टी

कारोबाररहिए तैयार, 60 दिन में 25 कंपनी ला रही IPO?, 40,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य, देखिए कंपनियों की सूची

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारअंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवसः भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में जनभागीदारी

कारोबारIndiGo Flight Cancellations: खून का उबाल ठंडा हो जाने की बेबसी

भारतGoa Nightclub Fire: आग लगने के कुछ घंटों बाद मालिक इंडिगो फ्लाइट से फुकेट भागा, हादसे में 25 लोगों की हुई मौत

भारतVIDEO: कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेक दिए, पीएम मोदी...

भारतVIDEO: कांग्रेस महिला विरोधी है, अपशब्द बोलते रहते हैं, कंगना रनौत...