Trump India Tariffs 2025: कंप्यूटर चिप्स पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे राष्ट्रपति ट्रंप, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल की कीमतें बढ़ेंगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2025 15:20 IST2025-08-07T15:19:06+5:302025-08-07T15:20:43+5:30
Trump India Tariffs 2025 Live Updates: अमेरिका ने म्यांमार पर 40 प्रतिशत, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलीपींस और वियतनाम पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है।

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Trump India Tariffs 2025 Live Updates: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह कंप्यूटर चिप्स पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका में डिजिटल युग को गति देने वाले प्रोसेसर पर निर्भर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, घरेलू उपकरणों और दूसरे जरूरी उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं। ट्रंप ने एप्पल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टिम कुक के साथ बैठक के दौरान कहा, ''हम चिप्स और सेमीकंडक्टर पर लगभग 100 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे।'' उन्होंने साथ ही जोड़ा, ''...लेकिन अगर आप अमेरिका में निर्माण कर रहे हैं, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा।''
यह घोषणा ट्रंप के अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को शुल्क से अस्थायी छूट देने के तीन महीने से भी अधिक समय बाद आई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में कंप्यूटर चिप्स बनाने वाली कंपनियों को आयात कर से छूट दी जाएगी। कोविड-19 महामारी के दौरान कंप्यूटर चिप्स की कमी ने ऑटोमोबाइल की कीमतों में वृद्धि की और मुद्रास्फीति को बढ़ावा दिया।
ट्रंप के जवाबी शुल्क भारत सहित दुनिया भर में लागू हुए
अमेरिका के भारतीय आयातों पर घोषित शुरुआती 25 प्रतिशत शुल्क बृहस्पतिवार से लागू हो गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अब उन देशों से अरबों डॉलर का शुल्क उनके देश में आना शुरू हो जाएगा, जिन्होंने अमेरिका का फायदा उठाया है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, ''आधी रात हो गई है!!! अरबों डॉलर के शुल्क अब संयुक्त राज्य अमेरिका में आ रहे हैं!''
ट्रंप द्वारा पिछले हफ्ते कई देशों पर घोषित जवाबी शुल्क अमेरिकी समय के अनुसार सात अगस्त को रात 12 बजे से लागू हो गए। ट्रंप ने इससे पहले कहा था, ''जवाबी शुल्क आज आधी रात से लागू होंगे! अरबों डॉलर, जिनमें से ज्यादातर उन देशों से आएंगे, जिन्होंने कई वर्षों तक अमेरिका का फायदा उठाया है।
अमेरिका की महानता को केवल एक ही चीज रोक सकती है, और वह है एक कट्टरपंथी वामपंथी अदालत जो हमारे देश को विफल देखना चाहती है!'' ट्रंप ने बुधवार को रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में लगने वाला शुल्क अब बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। इस कदम से कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि ये कदम ''अनुचित और अविवेकपूर्ण'' हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। साथ ही, भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। ट्रंप ने पिछले सप्ताह ही 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने इस शुल्क के लागू होने से चंद घंटे पहले अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।
इस आदेश के बाद कुछ रियायत प्राप्त वस्तुओं को छोड़कर भारतीय वस्तुओं पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा। आदेश में कहा गया है, ''मूल्य के अनुरूप लगाया गया शुल्क... ऐसे आयातों पर लागू किसी भी अन्य शुल्क, फीस, कर, वसूली और प्रभार के अतिरिक्त होगा।'' प्रारंभिक शुल्क सात अगस्त से प्रभावी होगा जबकि अतिरिक्त शुल्क 21 दिन बाद लागू होगा।
ट्रंप ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से तेल एवं गैस खरीदने के लिए भारत पर 24 घंटे में भारी शुल्क की घोषणा करेंगे। नए शुल्क के बाद, अमेरिका में भारत एवं ब्राजील के उत्पादों पर सबसे अधिक 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा। ऐसे में भारत के प्रतिस्पर्धी देश अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में होंगे, क्योंकि उनका शुल्क कम है।
अमेरिका ने म्यांमार पर 40 प्रतिशत, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत, फिलीपींस और वियतनाम पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिकी दल प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर छठे दौर की बातचीत के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाला है। जिन क्षेत्रों को इन शुल्कों से नुकसान होगा, उनमें कपड़ा/ परिधान, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा और जूते, पशु उत्पाद, रसायन, और बिजली तथा यांत्रिक मशीनरी शामिल हैं।
हालांकि दवा, ऊर्जा उत्पादों (कच्चा तेल, परिष्कृत ईंधन, प्राकृतिक गैस, कोयला और बिजली) महत्वपूर्ण खनिज और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा अर्धचालकों की एक विस्तृत श्रृंखला पर ये शुल्क लागू नहीं होंगे। निर्यातकों के अनुसार इस कदम से अमेरिका को भारत के 86 अरब डॉलर के निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा।