बजट में आंकड़ों में पारदर्शिता रेटिंग एजेंसियों को उत्साहित करेगी: एसबीआई अर्थशास्त्री

By भाषा | Updated: February 4, 2021 23:48 IST2021-02-04T23:48:20+5:302021-02-04T23:48:20+5:30

Transparency in data in the budget will encourage rating agencies: SBI Economist | बजट में आंकड़ों में पारदर्शिता रेटिंग एजेंसियों को उत्साहित करेगी: एसबीआई अर्थशास्त्री

बजट में आंकड़ों में पारदर्शिता रेटिंग एजेंसियों को उत्साहित करेगी: एसबीआई अर्थशास्त्री

मुंबई, चार फरवरी देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने राजकोषीय नियमों को पुनर्परिभाषित किये जाने के लिये बजट की सराहना की है। उनका कहना है कि आंकड़ों में पारदर्शिता बाजार के साथ रेटिंग एजेंसियों को उत्साहित करेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अपने बजट भाषण में कहा कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कम होकर 6.8 प्रतिशत रहेगा।

राजकोषीय घाटे के आंकड़े से सरकार के साख पर प्रभाव को लेकर संदेह बढ़ा है।

एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि वैश्विक एजेंसियां बजट के परिणाम को देखते हुए भारत की साख को कम कर कबाड़ की श्रेणी में ला सकती हैं। हालांकि कुछ तबकों में पारदर्शिता को लेकर सीतारमण की सराहना की गयी है।

अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘आंकड़ों में अधिक पारदर्शिता लंबे समय तक बाजार और यहां तक ​​कि रेटिंग एजेंसियों को उत्साहित करेगी।’’

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थाास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि बजट ने राजकोषीय नियमों को पुनर्परिभाषित किया है। बही-खातों से अलग रखे जाने वाले मदों को घाटे में शामिल किया गया है। वित्त का समेकित किया जाना एक व्यवहारिक कदम है।

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Web Title: Transparency in data in the budget will encourage rating agencies: SBI Economist

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