Trade war: 10 अप्रैल से अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत शुल्क?, चीन ने डोनाल्ड ट्रंप पर लिया एक्शन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 4, 2025 18:23 IST2025-04-04T16:37:36+5:302025-04-04T18:23:24+5:30

Trade war: अमेरिका द्वारा व्यापारिक साझेदारों पर ‘जवाबी शुल्क’ लगाए जाने के बाद चीन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज करायी है।

Trade war live China to retaliate with additional 34 tariff on US goods from April 10 | Trade war: 10 अप्रैल से अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत शुल्क?, चीन ने डोनाल्ड ट्रंप पर लिया एक्शन

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Highlights34 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले के जवाब में किया गया है। शुल्क 10 अप्रैल से अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए जाएंगे। यूरोपीय संघ जैसे देशों पर लगाई जाने वालीं नई शुल्क दरों का उल्लेख था।

बीजिंगः चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर पलटवार करते हुए वहां से आयातित सभी उत्पादों पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। यह अमेरिका में चीन से आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के जवाब में किया गया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ये शुल्क 10 अप्रैल से लागू होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा व्यापार साझेदारों पर ‘जवाबी शुल्क’ लगाए जाने के बाद चीन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है।

वाणिज्य मंत्रालय ने यहां कहा कि चीन ने 16 अमेरिकी कंपनियों को दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का भी फैसला किया है। ट्रंप ने बुधवार को चीनी वस्तुओं के आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की, जिसे अमेरिकी व्यापार नीति को नया रूप देने के उद्देश्य से व्यापक ‘मुक्ति दिवस’ पैकेज के हिस्से के रूप में पेश किया गया।

इस फैसले के बाद अमेरिका में प्रवेश पर चीन की वस्तुओं पर कुल शुल्क 54 प्रतिशत हो गया। यह ट्रंप द्वारा उनके चुनाव अभियान के दौरान दी गई चीन पर 60 प्रतिशत शुल्क की धमकी के करीब ही है। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका पर 67 प्रतिशत शुल्क लगाया है। उन्होंने कहा कि इस आंकड़े में मुद्रा की विनिमय दर में हेरफेर और व्यापार बाधाओं के प्रभाव भी शामिल हैं।

चीनी आयात पर नए 34 प्रतिशत शुल्क में 10 प्रतिशत मूल शुल्क और देश के लिए 24 प्रतिशत विशिष्ट शुल्क शामिल हैं। 10 प्रतिशत शुल्क पांच अप्रैल से, जबकि उच्च जवाबी शुल्क नौ अप्रैल से लागू होंगे। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अमेरिका को अपने 438 अरब डॉलर के निर्यात पर ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क की कड़ी आलोचना की थी।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक अलग बयान में कहा कि अमेरिकी शुल्क ने डब्ल्यूटीओ के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि चीन इसका दृढ़ता से खंडन करता है और अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा, वह करेगा।

आसियान और ईयू के बाद अमेरिका, चीन का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में चीन के साथ अमेरिका का कुल वस्तु व्यापार अनुमानित 582.4 अरब डॉलर था। पिछले साल चीन को अमेरिकी वस्तु निर्यात 143.5 अरब डॉलर था जबकि आयात कुल 438.9 अरब डॉलर था। चीन के साथ अमेरिकी वस्तु व्यापार घाटा 295.4 अरब डॉलर था।

अमेरिका ने भारत पर शुल्क 27 प्रतिशत से घटाकर 26 प्रतिशत किया

अमेरिका ने भारत पर लगाए जाने वाले आयात शुल्क को 27 प्रतिशत से घटाकर 26 प्रतिशत कर दिया है। शुल्क नौ अप्रैल से लागू होंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को विभिन्न देशों के खिलाफ जवाबी शुल्क की घोषणा करते हुए एक चार्ट दिखाया था जिसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों पर लगाई जाने वालीं नई शुल्क दरों का उल्लेख था।

चार्ट के अनुसार, भारत ‘‘मुद्रा की विनिमय दर में हेरफेर और व्यापार बाधाओं’’ सहित 52 प्रतिशत शुल्क लेता है और अमेरिका अब भारत से 26 प्रतिशत का रियायती जवाबी शुल्क वसूलेगा। हालांकि, व्हाइट हाउस के दस्तावेजों में भारत पर 27 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने का जिक्र था लेकिन नवीनतम अद्यतन दस्तावेज में इसे घटाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया है।

इस संबंध में पूछे जाने पर उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि शुल्क के एक प्रतिशत कम होने का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। अमेरिका वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत रही।

अमेरिका के साथ भारत का 2023-24 में वस्तुओं पर व्यापार अधिशेष (आयात व निर्यात के बीच का अंतर) 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर था। यह 2022-23 में 27.7 अरब अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 अरब अमेरिकी डॉलर, 2020-21 में 22.73 अरब अमेरिकी डॉलर और 2019-20 में 17.26 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था।

अमेरिका को 2024 में भारत के मुख्य निर्यात में औषधि निर्माण व जैविक (8.1 अरब डॉलर), दूरसंचार उपकरण (6.5 अरब डॉलर), कीमती व अर्ध-कीमती पत्थर (5.3 अरब अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), सोना व अन्य कीमती धातु के आभूषण (3.2 अरब डॉलर), सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र (2.8 अरब डॉलर) और लोहा व इस्पात के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल था।

आयात में कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला व कोक (3.4 अरब डॉलर), कटे व पॉलिश किए हुए हीरे (2.6 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक मशीनरी (1.4 अरब डॉलर), विमान, अंतरिक्ष यान व उसके पुर्जे (1.3 अरब डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) शामिल थे।

यह 26 प्रतिशत शुल्क अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर लगने वाले मौजूदा शुल्क से अलग है। हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने अतिरिक्त शुल्क के 27 प्रतिशत होने की बृहस्पतिवार को पुष्टि की थी। भारत के अलावा, बोस्निया और हर्जेगोविना, बोत्सवाना, कैमरून, फॉकलैंड द्वीप, मलावी और म्यांमा सहित 12 से अधिक अन्य देशों के लिए शुल्क में एक प्रतिशत तक का संशोधन किया गया है।

Web Title: Trade war live China to retaliate with additional 34 tariff on US goods from April 10

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