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ओमीक्रोन की आशंका से शेयर बाजारों में रहा बिकवाली का दबाव, सेंसेक्स एवं निफ्टी दोनों गिरे

By भाषा | Updated: November 30, 2021 18:22 IST

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मुंबई, 30 नवंबर वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार पर कोरोनावयरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के संभावित असर को लेकर फैली वैश्विक चिंता के बीच मंगलवार को घरेलू बाजारों के प्रमुख सूचकांकों ने कारोबार के अंतिम पलों में अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी।

रुपये के मूल्य में गिरावट और विदेशी मुद्रा की आवक में अस्थिरता होने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। इसका असर यह हुआ कि दिन में 900 अंक तक का उछाल ले चुका सेंसेक्स कारोबार के अंत में 195.71 अंकों यानी 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।

बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स वाहन और धातु के शेयरों में अंतिम क्षणों में हुई बिकवाली के कारण 57,064.87 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 70.75 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 16,983.20 अंक पर बंद हुआ। पिछले तीन महीनों में निफ्टी पहली बार 17,000 के स्तर के नीचे आया है।

सेंसेक्स में सबसे ज्यादा चार प्रतिशत का नुकसान टाटा स्टील को उठाना पड़ा। कोटक बैंक, बजाज ऑटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक और मारुति सुजुकी के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए।

दूसरी तरफ पावरग्रिड, टाइटन, बजाज फिनसर्व, नेस्ले इंडिया, बजाज फाइनेंस और इन्फोसिस के शेयरों में 3.43 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि घरेलू सूचकांकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से लॉकडाउन लगाने की आशंका खारिज किए जाने के बाद सकारात्मक स्तर पर शुरुआत की थी।

नायर ने कहा, "हालांकि ओमीक्रोन को लेकर विशेषज्ञों की चेतावनी आने के बाद वैश्विक बाजारों में नकारात्मकता हावी दिखी। घरेलू बाजार भी इसके असर में आया और अचानक बिकवाली का दौर शुरू हो गया।"

टीका बनाने वाली प्रमुख कंपनी मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन बैंसेल की चेतावनी भी वैश्विक बाजारों पर भारी पड़ी। बैंसेल ने कहा है कि कोविड-19 के मौजूदा टीकों का वायरस के इस नए स्वरूप पर असरदार होना संदिग्ध है।

इसके अलावा घरेलू निवेशक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े आने की संभावना को देखते हुए भी बाजार से दूर रहे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, "ऐसे हालात में यह समझदारी ही होगी कि बाजार के स्थिर होने तक अपनी मौजूदा स्थिति को बनाए रखा जाए।"

क्षेत्रवार स्तर पर बीएसई के धातु, ऊर्जा, ऑटो, बैंक एवं दूरसंचार सूचकांकों में 2,34 प्रतिशत तक की गिरावट रही जबकि टिकाऊ उत्पाद, आईटी, रियल्टी एवं टेक क्षेत्र लाभ में रहे।

बीएसई का व्यापक मिडकैप एवं स्मालकैप सूचकांक 1.45 प्रतिशत की बढ़त पर रहे।

एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की नुकसान में रहे, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त के साथ बंद हुआ।

यूरोप के शेयर बाजारों में दोपहर कारोबार के दौरान मिला-जुला रुख देखने को मिला।

इस बीच, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसा टूटकर 75.17 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 71.15 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को भी बिकवाल बने रहे। शेयर बाजारों से मिले आंकड़ों के मुताबिक एफआईआई ने 3,332.21 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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