‘रेटिंग शॉपिंग’ में भूमिका को लेकर RBI ने की रेटिंग एजेंसियों की कड़ी आलोचना

By भाषा | Updated: December 29, 2019 18:16 IST2019-12-29T18:16:50+5:302019-12-29T18:16:50+5:30

कुछ कंपनियों ने खराब रेटिंग मिलने के तीन महीने के भीतर किसी अन्य रेटिंग एजेंसी से बेहतर रेटिंग हासिल कर ली और उसके आधार पर दीर्घावधि ऋण ले लिये। इस प्रक्रिया को ‘रेटिंग शॉपिंग’ कहा जाता है।

The Reserve Bank strongly criticized the rating agencies for their role in 'rating shopping' | ‘रेटिंग शॉपिंग’ में भूमिका को लेकर RBI ने की रेटिंग एजेंसियों की कड़ी आलोचना

रिजर्व बैंक ने रेटिंग शॉपिंग के मामलों की गहन जांच करने की बात की है।

Highlights रेटिंग एजेंसियों को रिजर्व बैंक ने आड़े हाथों लिया है रेटिंग एजेंसियों की भूमिका को लेकर रिजर्व बैंक ने उनकी कड़ी आलोचना की है।

पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा प्रमुख रेटिंग एजेंसियों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद अब रिजर्व बैंक ने भी इन एजेंसियों को आड़े हाथों लिया है। खराब रेटिंग पाने वाली कंपनियों को तीन महीने के भीतर अच्छी रेटिंग दिये जाने में रेटिंग एजेंसियों की भूमिका को लेकर रिजर्व बैंक ने उनकी कड़ी आलोचना की है।

ऐसा देखने को मिला है कि कुछ कंपनियों ने खराब रेटिंग मिलने के तीन महीने के भीतर किसी अन्य रेटिंग एजेंसी से बेहतर रेटिंग हासिल कर ली और उसके आधार पर दीर्घावधि ऋण ले लिये। इस प्रक्रिया को ‘रेटिंग शॉपिंग’ कहा जाता है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के 25वें संस्करण में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की सीमित रेटिंग के आधार पर बैंकों से दीर्घकालिक ऋण लेने को लेकर कंपनियों को भी चेतावनी दी है।

क्रेडिट रेटिंग कंपनियों की सांकेतिक रेटिंग, जो कि बैंकों और निवेशकों के पास उपलब्ध नहीं है, उसके आधार पर दीर्घकालिक कर्ज लेने को लेकर यह चेतावनी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि ज्यादातर रेटिंग शॉपिंग बीबीबी या इससे निम्न रेटिंग वाले वित्तीय साधनों में की गई।

रिजर्व बैंक ने रेटिंग शॉपिंग के मामलों की गहन जांच करने की बात की है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के लिये भी उनकी खराब नीतियों के कारण जिम्मेदार माना जाता है। घरेलू स्तर पर देखें तो जब सितंबर 2018 में आईएलएंडएफएस के ऋण किस्तों के भुगतान में चूक का मामला सामने आया था, उसके कुछ ही दिन पहले इंडिया रेटिंग्स, इक्रा और केयर जैसी रेटिंग एजेंसियों ने उसके ऋण दस्तावेजों को एएए/एए+ रेटिंग दी थी।

इसी मामले में सेबी ने पिछले शुक्रवार को इन एजेंसियों पर 25-25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने रिपोर्ट में सेबी के उन निष्कर्षों का भी जिक्र किया जिनमें ऐसे मामलों का जिक्र था जब रेटिंग एजेंसियों ने बिना लिखित करार के सीमित रेटिंग दी थी लेकिन अपनी वेबसाइट पर इनका उल्लेख नहीं किया। इससे रेटिंग शॉपिंग को पकड़ पाना मुश्किल हो गया। 

Web Title: The Reserve Bank strongly criticized the rating agencies for their role in 'rating shopping'

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे