निजी बैंक बेहतर सेवायें दे रहे हैं यह धारणा अनुचित: टीएमसी सांसद रॉय

By भाषा | Updated: July 6, 2021 21:44 IST2021-07-06T21:44:38+5:302021-07-06T21:44:38+5:30

The notion that private banks are providing better services is unfair: TMC MP Roy | निजी बैंक बेहतर सेवायें दे रहे हैं यह धारणा अनुचित: टीएमसी सांसद रॉय

निजी बैंक बेहतर सेवायें दे रहे हैं यह धारणा अनुचित: टीएमसी सांसद रॉय

नयी दिल्ली, छह जुलाई तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सुखेंदु शेखर रॉय की राय में नीति निर्माताओं का यह मानना कि निजी क्षेत्र के बैंक अर्थव्यवस्था और लोगों को अधिक सक्षम सेवायें दे रहे हैं, अनुचित धारणाा है। रॉय के अनुसार जबकि सच्चाई इसके उलट है।

उन्होंने कहा कि टीएमसी देश के गरीब लोगों के हित में बैंक कर्मचारी संघों की निजीकरण के खिलाफ की जा रही मांग का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दशक के दौरान कई निजी बैंक जिनमें नई पीढ़ी के निजी बैंक भी शामिल है कारोबार संचालन और प्रबंधन में असफलता के कारण समाप्त हो गये।’’

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये रॉय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीयकरण से पहले निजी क्षेत्र के बैंक नियमित रूप से टूटते रहते थे और बंद होते रहते थे। इसलिये जो आज निजी बैंकों की सराहना कर रहे हैं वह इतिहास को नहीं जानते हैं।’’

हाल में निजी क्षेत्र के पंजाब एण्ड महाराष्ट्र सहकारी बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक का उदाहरण सबके सामने हैं। उन्होंने बैंकों में बार बार हो रहे घोटालों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘आप यदि कंपनियों को पैसा लूटने देंगे और उन्हें प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने के बाद भागने देंगे तो यह देश नहीं बच सकता है।’’

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के महत्व को रेखांकित करते हुये उन्होंने कहा कि 1969 में हुई बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद ही बैंक लोगों तक पहुंचे हैं।

एआईबीईए ने मंगलवार को जारी एक बयान में रॉय के हवाले से कहा कि पिछले दशक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा वित्तपोषित कुछ ढांचागत परियोजनाओं में काम शुरू नहीं हो सका। इसमें भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण मंजूरी जैसे मसलों के आड़े आने से परियोजनायें अटकी जिससे बैंकों का पैसा फंस गया। इसके लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

रॉय ने दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता को संगठित लूट बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी सामने आये हैं जहां फंसे कर्ज में 80 से 90 प्रतिशत तक कटौती हो रही है और बैंकों को बहुत कम पैसा ही मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के अधिकार और भारतीय नागरिकों की बेहतरी के लिये जहां कहीं भी जरूरी होगा टीएमसी को लाल झंडा उठाने में कोई एतराज नहीं हैं।

एआईबीईए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से संबंधित यूनियन है।

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Web Title: The notion that private banks are providing better services is unfair: TMC MP Roy

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