उलट शुल्क ढांचे को ठीक करने के फैसले से कपड़ा उद्योग से कर का बोझ कम होगा : एईपीसी
By भाषा | Updated: September 18, 2021 15:28 IST2021-09-18T15:28:12+5:302021-09-18T15:28:12+5:30

उलट शुल्क ढांचे को ठीक करने के फैसले से कपड़ा उद्योग से कर का बोझ कम होगा : एईपीसी
नयी दिल्ली, 18 सितंबर परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने जीएसटी परिषद द्वारा एक जनवरी, 2022 से कपड़े पर उलट शुल्क ढांचे को ठीक के फैसले का स्वागत किया है। एईपीसी ने कहा कि इससे कृत्रिम रेशे (एमएमएफ) के कपड़े तथा परिधानों पर कर का बोझ कम होगा।
जीएसटी परिषद की 17 सितंबर को हुई बैठक में एक जनवरी, 2022 से फुटवियर तथा कपड़े पर उलट शुल्क ढांचे को ठीक करने पर सहमति बनी। एईपीसी के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि इस फैसले से कपड़ा उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि उलट शुल्क ढांचा परिधान उद्योग के लिए एक मुद्दा था और परिषद ने सरकार से इस विसंगति को समाप्त करने की मांग की थी। इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट के संग्रहण से कंपनियों की महत्वपूर्ण कार्यशील पूंजी ब्लॉक हो रही थी।
शक्तिवेल ने कहा कि एमएमएफ कपड़ा खंड (फाइबर और यार्न) में उत्पादन के सामान (इनपुट) पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत है, जबकि एमएमएफ फैब्रिक पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत है। वहीं तैयार परिधान पर यह पांच प्रतिशत और 12 प्रतिशत है।
इससे ऐसी स्थिति पैदा हो रही कि इनपुट पर कर की दर उत्पादन से अधिक थी।
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