हैदराबाद हवाईअड्डे का समझौता 2068 तक बढ़ाने के एचआईएएल के आग्रह पर पुनर्विचार करे तेलंगाना: सिंधिया
By भाषा | Updated: September 2, 2021 20:51 IST2021-09-02T20:51:56+5:302021-09-02T20:51:56+5:30

हैदराबाद हवाईअड्डे का समझौता 2068 तक बढ़ाने के एचआईएएल के आग्रह पर पुनर्विचार करे तेलंगाना: सिंधिया
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तेलंगाना सरकार से हैदराबाद हवाईअड्डे के रियायत समझौते की अवधि को 2038 से बढ़ाकर 2068 किये जाने के हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (एचआईएएल) के अनुरोध पर पुनर्विचार करने और इस बारे में अपनी सिफारिश मंत्रालय को भेजने का आग्रह किया है। सिंधिया ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को लिखे पत्र में यह कहा है कि छूट को लेकर नागर विमानन मंत्रालय और जीएमआर की अगुवाई वाले एचआईएएल के बीच 20 दिसंबर, 2004 को समझौता हुआ था। यह समझौता हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विकास, निर्माण, परिचालन और रखरखान के लिये था। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘समझौते के उपबंध (13.7.1) के संदर्भ में एचआईएएल ने छूट अवधि 23 मार्च, 2038 से और 30 साल बढ़ाकर 23 मार्च 2068 करने का आग्रह किया है।’’ बयान में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार एचआईएएल के आग्रह पर पुनर्विचार करे और अपनी सिफारिश नागर विमानन मंत्रालय को भेजे। हैदराबाद हवाईअड्डे के निजीकरण के दो साल बाद 2006 में मुंबई और दिल्ली हवाईअड्डों को परिचालन के लिये निजी हाथों में दिया गया था। सिंधिया ने अपने पत्र में वारंगल हवाईअड्डा के परिचालन से जुड़े मुद्दे और उसे क्षेत्रीय उड़ान योजना में शामिल करने का जिक्र किया है। बयान के अनुसार, ‘‘उन्होंने कहा कि वारंगल हवाईअड्डा एचआईएएल से 150 किलोमीटर हवाई दूरी पर है और उसे द्विपक्षीय रूप से सहमति के तहत विकसित किया जा सकता है। तेलंगाना सरकार एचआईएएल और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के साथ मिलकर इसकी संभावना टटोल सकती है।
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