जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए टिकाऊ कृषि का वित्तपोषण ही कुंजी : रिपोर्ट
By भाषा | Updated: November 23, 2021 19:37 IST2021-11-23T19:37:21+5:302021-11-23T19:37:21+5:30

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए टिकाऊ कृषि का वित्तपोषण ही कुंजी : रिपोर्ट
नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भषा) निवेश पेशेवरों के वैश्विक संघ सीएफए संस्थान ने नीति निर्माताओं और अंशधारकों से जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को हल करने के लिए टिकाऊ कृषि परियोजनाओं में वित्तपोषण को बढ़ाने का आग्रह किया है।
जलवायु बांड पहल के साथ साझेदारी में सीएफए संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि उत्पादों के प्रमुख उत्पादक के रूप में भारतीय कृषि वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान करती है। कृषि भारत की लगभग 58 प्रतिशत आबादी के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। सीएफए संस्थान ने टिकाऊ कृषि के लिए निजी पूंजी को उत्प्रेरित करने की दिशा में भारतीय बैंकों, उद्यम पूंजी (वीसी) निवेशकों, बहुपक्षीय विकास संस्थानों और भारतीय नीति निर्माताओं से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया है।
सीएफए संस्थान के कंट्री प्रमुख विधु शेखर ने कहा, ‘‘भारत में, हमारे पास टिकाऊ कृषि के लिए एक राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसए) है, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि को बदलती जलवायु के लिए अधिक सहनशील बनाने के लिए रणनीति विकसित करना और कार्यान्वित करना है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, अधिक टिकाऊ प्रथाओं की ओर जाने के लिए किसानों को बेहतर नीति, बेहतर तकनीक और पूंजी तक अधिक पहुंच की आवश्यकता होगी।
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