अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों ने प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत निगरानी, मंजूरी में तेजी का आग्रह किया

By भाषा | Updated: October 11, 2021 19:33 IST2021-10-11T19:33:12+5:302021-10-11T19:33:12+5:30

Space technology companies urge PM to expedite personal monitoring, approvals | अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों ने प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत निगरानी, मंजूरी में तेजी का आग्रह किया

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों ने प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत निगरानी, मंजूरी में तेजी का आग्रह किया

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर भारती इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल सहित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उद्यमियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नियामकीय मंजूरी में तेजी लाने, घटनाक्रम पर उनकी व्यक्तिगत निगरानी और उद्योग की जरूरतों के अनुरूप नियमों को दुरुस्त करने का अनुरोध किया।

स्टार्ट-अप और लघु एवं मध्यम उद्यमों ने प्रधानमंत्री से कम लागत वाली पूंजी को लेकर सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अंतरिक्ष और उपग्रह उद्योग संगठन इंडियन स्पेस एसोसिएशन (इस्पा) के शुभारंभ के मौके पर यह अपील की।

मित्तल ने प्रधानमंत्री के साथ उद्योग की ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा, "मंजूरी देने से जुड़ी कई प्रक्रियाएं काफी धीमी हैं। मंजूरी पाने में डेढ़ साल लग जाते हैं। अगले तीन-चार साल बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इसकी व्यक्तिगत निगरानी करें। यदि आप इस पर नजर रखेंगे और प्रगति का जायजा लेते रहेंगे तो यह बहुत तेज गति से आगे बढ़ेगी।"

उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बताया कि भारती ग्रुप की अनुषंगी वनवेब ने 2022 से भारत में अपना उपग्रह प्रक्षेपण शुरू करने के लिए इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक समझौता किया है।

कंपनी पृथ्वी के निम्न कक्षा में स्थापित होने वाले (पृथ्वी से 500-2,000 किमी दूर) 648 उपग्रहों (एलईओ उपग्रह) का निर्माण कर रही है और पहले ही 322 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर चुकी है।

ब्रिटेन की सरकार, सॉफ्टबैंक, ह्यूजेस और यूटेलसैट के साथ भारती समूह ने वनवेब में निवेश किया है।

इनस्पेस के मनोनीत अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि भारत के पास अब भी वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का एक बहुत ही छोटा हिस्सा है जो लगभग दो प्रतिशत है और हमारे लिए इंडिया स्पेस 2.0 की ओर बढ़ने का समय आ गया है।

उन्होंने कहा, "हमें अपनी अंतरिक्ष क्षमता में काफी वृद्धि करने की जरूरत है। हम एक साल में चार से पांच प्रक्षेपण कर रहे हैं। मेरा मानना ​​​​है कि हमें मध्यावधि में इस संख्या को तीन गुना करना होगा। हमें इसरो और निजी क्षेत्र दोनों के छोटे प्रक्षेपण वाहनों को जल्द चालू करने की जरूरत है।"

बाजार अनुसंधान और सलाहकार फर्म ईवाई (अर्न्स्ट एंड यंग) के अनुसार, वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2020 में 371 अरब डॉलर की हो गयी और भारत का हिस्सा इसमें 2.6 प्रतिशत यानी 9.6 अरब डॉलर था जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत है। भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के 2025 तक 12.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप पिक्सेल के संस्थापक और सीईओ अवैस अहमद ने कहा कि कंपनी ने अपना पहला उपग्रह बना लिया है और कुछ महीनों में इसरो के माध्यम से इसका प्रक्षेपण किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "इस उपग्रह के रूस से प्रक्षेपण की योजना बनाई गयी थी, लेकिन सरकार की घोषणा के बाद भारत में योजना में बदलाव हो गया, अब यह भारत से प्रक्षेपित की जाएगी। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि देश का पहला निजी इमेजिंग उपग्रह एक भारतीय रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा जाएगा। अगले दो वर्षों में, हम 30 और उपग्रहों का प्रक्षेपण करेंगे जो दुनिया को आंकड़ा प्रदान करेंगे और मुझे उम्मीद है कि उन्हें इसरो के माध्यम से ही प्रक्षेपित किया जाएगा।"

उन्होंने कहा कि अगर नियामकीय मंजूरी की प्रक्रिया में लगने वाले महीनों के समय को घटाकर हफ्तों तक किया जाए तो कंपनी तेज रफ्तार से आगे बढ़ सकती है।

टाटा नेल्को के प्रबंध निदेशक और सीईओ पी जे नाथ ने प्रधानमंत्री से अंतरिक्ष संचार नीति पेश करने में तेजी लाने के लिए कहा, जो न केवल अंतरिक्ष क्षेत्र का विस्तार करने में मदद करेगी बल्कि भविष्य की योजना बनाने में भी मदद देगी।

स्टार्ट-अप एस्ट्रोम टेक्नोलॉजीज की सीईओ नेहा साटक ने भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक बौद्धिक संपदा अधिकारों के विकास को प्रोत्साहित करने और अंतरिक्ष उत्पादों के परीक्षण में स्टार्ट-अप की मदद के लिए व्यवस्था के निर्माण का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, "नि:शुल्क परीक्षण की व्यवस्था की जा सके तो यह काफी अच्छा होगा।"

इस्पा के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि अंतरिक्ष निजी क्षेत्र के भारतीय उद्यमियों के लिए एक उभरता हुआ क्षेत्र है जहां वे क्षेत्र के सभी हिस्सों में असल में समाधानों का निर्माण शुरू कर सकते हैं।

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