एस एंड पी ने औद्योगिक घरानों को बैंक लाइसेंस देने के सुझाव पर संदेह जताया

By भाषा | Updated: November 23, 2020 21:11 IST2020-11-23T21:11:05+5:302020-11-23T21:11:05+5:30

S&P suspects suggestion of granting bank licenses to industrial houses | एस एंड पी ने औद्योगिक घरानों को बैंक लाइसेंस देने के सुझाव पर संदेह जताया

एस एंड पी ने औद्योगिक घरानों को बैंक लाइसेंस देने के सुझाव पर संदेह जताया

नयी दिल्ली, 23 नवंबर एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत में पिछले कुछ साल में कर्ज लौटाने में बड़ी कंपनियों की चूक की परिस्थिति और कंपनी संचालन की कमजोरियों का उल्लेख करते हुए बड़े औद्योगिक घरानों को बैंक चलाने का लाइसेंस दिए जाने के सुझाव पर संदेह जताया है।

उसने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ऐसे समय गैर-वित्तीय क्षेत्र की निगरानी में मुश्किल होगी जब वित्तीय क्षेत्र की हालत कमजोर है।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह, आरबीआई की एक आंतरिक समिति ने सिफारिश में कहा कि बड़े कॉर्पोरेट घरानों को बैंकों के प्रवर्तक बनने की अनुमति दी जा सकती है। साथ ही समिति ने निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने की भी सिफारिश की है।

रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में बड़ी कंपनियों के पिछले कुछ साल में कर्ज लौटाने को लेकर चूक और कंपनी संचालन की व्यवस्था की कमजोरियों को देखते हुए हमें बैंकों में कॉर्पोरेट क्षेत्र को स्वामित्व देने की अनुमति देने को लेकर संदेह है।’’

उसने कहा कि इसके अलावा ऐेसे समय जब देश के वित्तीय क्षेत्र की स्थिति कमजोर है, आरबीआई को गैर-वित्तीय क्षेत्र की इकाइयों की निगरानी को लेकर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा तथा इससे कंद्रीय बैंक की निगरानी प्रणाली पर दबाव बढ़ सकता है।

आरबीआई के समूह ने यह सिफारिश की है कि आपस में जुड़ी इकाइयों के बीच कर्ज तथा बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों के बीच निवेश को रोकने के लिये बैंकिंग नियमन कानून, 1949 में जरूरी संशेधन के बाद कंपनियों को बैंकों के नियंत्रण की अनुमति दी जा सकती है।

इसके अलावा समूह ने बड़े औद्योगिक समूह के लिये निगरानी प्रणाली को मजबूत किये जाने का भी प्रस्ताव किया है।

एस एंड पी ने कहा, ‘‘आरबीआई के समूह ने कंपनियों को बैंक खोलने की अनुमति देने में हितों के टकराव, आर्थिक शक्ति का संकेंद्रण तथा वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंता जतायी है। निश्चित रूप से इसमें जोखिम है। बैंकों पर कंपनियों के स्वामित्व से संबंधित समूह के बीच कर्ज का वितरण, कोष का दूसरे कार्यों में उपयोग तथा साख को नुकसान का जोखिम बढ़ेगा। साथ ही इससे वित्तीय क्षेत्र में कंपनियों के चूक के मामले बढ़ने के भी आसार हैं।’’

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बड़ी कंपनियों के चूक को देखते हुए भारतीय कंपनियों का प्रदर्शन पिछले कुछ साल से कमजोर रहा है। मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार कंपनी क्षेत्र का गैर-निष्पादित कर्ज (एनपीएल) कुल कॉर्पोरेट कर्ज का करीब 13 प्रतिशत है। जबकि मार्च 2018 में यह करीब 18 प्रतिशत था। एनपीए का यह स्तर बताता है कि भारत में अन्य देशों की तुलना में जोखिम ज्यादा है।

हालांकि अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने कहा कि आरबीआई समिति की बेहतर तरीके से प्रबंधित गैर-वित्तीय कंपनियों को पूर्ण रूप से बैंक लाइसेंस दिये जाने की सिफारिश से वित्तीय स्थिरता में सुधार की संभावना है।

उसने यह भी कहा कि आरबीआई समिति का सभी प्रकार के बैंक कार्यों यानी सार्वभौमिक बैंकों के लिये न्यूनतम नेटवर्थ बढ़ाकर 1,000 रुपये करने के सुझाव के अमल में आने से पूंजीकरण के मोर्चे पर स्थिति बेहतर होगी। इससे अधिक पूंजी वाले प्रवर्तक ही ही बैंक क्षेत्र में आ सकेंगे।

एस एंड पी के अनुसार इसके अलावा इन सफारिशों से एनबीएफसी का आकार सीमित होगा और निगरानी व्यवस्था मजबूत होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: S&P suspects suggestion of granting bank licenses to industrial houses

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे