पैमानों पर खरे नहीं उतरे सोयाबीन बीज के नमूने, सोपा का बीज लाइसेंस निलंबित
By भाषा | Updated: June 23, 2021 16:44 IST2021-06-23T16:44:50+5:302021-06-23T16:44:50+5:30

पैमानों पर खरे नहीं उतरे सोयाबीन बीज के नमूने, सोपा का बीज लाइसेंस निलंबित
इंदौर, 23 जून सोयाबीन बीज के नमूने पैमाने पर खरे नहीं उतरने के कारण मध्य प्रदेश के कृषि विभाग ने सोयाबीन प्रसंस्करणकर्ताओं के एक प्रमुख संगठन का बीज लाइसेंस निलंबित कर दिया। इसके परिणामस्वरूप यह संगठन फिलहाल सोयाबीन बीज की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकेगा।
कृषि विभाग के लाइसेंस अधिकारी और उप-संचालक शिवसिंह राजपूत ने बुधवार को बताया, "इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के उत्पादित सोयाबीन बीज के छह नमूने 27 मई को लिए गए थे। ग्वालियर की बीज परीक्षण प्रयोगशाला में जांच कराए जाने पर इनमें से पांच नमूने अमानक पाए गए।" उन्होंने बताया कि इस गड़बड़ी पर सोपा का बीज लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
राजपूत ने यह भी बताया कि 27 मई को निरीक्षण के दौरान सोपा के गोदाम में भण्डारित सोयाबीन बीज के 30-30 किलोग्राम वजन के 777 बोरे बिना टैग के रखे पाए गए और जांच में पता चला कि ये बीज प्रमाणित नहीं हैं।
बहरहाल, बिना मानक पैमाने के बीजों को लेकर सोपा के खिलाफ कार्रवाई ऐसे वक्त की गई, जब देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्य प्रदेश में खरीफ सत्र की बुआई के दौरान किसान इस तिलहन फसल के गुणवत्तापूर्ण बीजों की किल्लत का सामना कर रहे हैं।
राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने 15 जून को "पीटीआई-भाषा" से कहा था कि पिछले तीन खरीफ सत्रों के दौरान सोयाबीन फसल को भारी बारिश और कीटों के प्रकोप से काफी नुकसान हुआ। नतीजतन इस बार सोयाबीन के बीजों की कमी उत्पन्न हो गई।
पटेल ने कहा था कि राज्य सरकार हालांकि यह कमी दूर करने का प्रयास कर रही है। लेकिन वक्त की जरूरत है कि किसान खरीफ सत्र में बुआई के लिए अन्य फसलों को तरजीह दें।
कृषि मंत्री ने कहा था, "एक समय था, जब सोयाबीन उगाने से राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरी थी। लेकिन अब उत्पादन लागत के मुकाबले उपज का सही मोल न मिल पाने के चलते सोयाबीन की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है।
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