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शशि थरूर नए आयकर पोर्टल को लेकर केंद्र पर बरसे, बोले-4200 करोड़ खर्च करके भी पैदा कर दी 'अव्यवस्था'

By अभिषेक पारीक | Updated: July 6, 2021 18:11 IST

नए आयकर पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर मंगलवार को केंद्र सरकार पर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि 4200 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद सरकार इस पोर्टल को अधिक अनुकूल, आधुनिक और सहज नहीं बना पाई। 

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ठळक मुद्देनए आयकर पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर केंद्र सरकार पर बरसे। थरूर ने आरोप लगाया कि 4200 करोड़ रुपये खर्च करके 'अव्यवस्था' पैदा कर दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फोसिस से खामियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने को कहा।

नए आयकर पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर मंगलवार को केंद्र सरकार पर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि 4200 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद सरकार इस पोर्टल को उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक अनुकूल, आधुनिक और सहज नहीं बना पाई तथा 'अव्यवस्था' पैदा कर दी। 

लोकसभा सदस्य थरूर ने यह सवाल भी किया कि जब पहले वाला पोर्टल अच्छी तरह से चल रहा था तो फिर इस नये पोर्टल की क्या जरूरत थी ? उनके मुताबिक, उनकी अगुवाई वाली कांग्रेस की इकाई ‘अखिल भारतीय प्रोफेशनल कांग्रेस’ से जुड़े कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट ने उन्हें सूचित किया कि आयकर पोर्टल में किए गए बदलाव के कारण कई खामियां उत्पन्न हो गई हैं और लॉग-इन होने में भी सामान्य से अधिक समय लगता है। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए पोर्टल के लगभग सभी फीचर्स कहीं न कहीं अटकते हैं जिससे आईटीआर दाखिल करने में, विदेशी प्राप्तियों वाले 15 सीए तथा 15 सीबी फार्म भरने में, अपीलों के लिए आंकड़े तैयार करने में बाधा आती है। उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट नहीं हैं कि सरकार ने जून महीने में आयकर पोर्टल में बदलाव क्यों किया ? बेहतर यह होता कि गत वित्त वर्ष के आखिर में या नये वित्त वर्ष की शुरुआत में इसमें बदलाव किया जाता ताकि आयकर रिफंड के हकदार करदाताओं को इस मुश्किल समय में मदद मिल जाती।'

सरकार पर निशाना साधते हुए थरूर ने सवाल किया कि जब पुराना पोर्टल वर्षों से सुचारू रूप से चल रहा था तो फिर नए आयकर पोर्टल की क्या जरूरत थी और यह ऐसे समय पर क्यों किया गया जब करदाता आमतौर पर अपने रिटर्न भरते हैं और रिफंड का दावा करते हैं? उन्होंने ट्वीट कर यह भी पूछा कि इस नये पोर्टल की औपचारिक शुरुआत से पहले इसका परीक्षण क्यों नहीं किया गया?

कांग्रेस नेता ने कहा, 'नये पोर्टल के पीछे तर्क यह है कि इसे उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक अनुकूल, आधुनिक और सहज बनाना था। बहरहाल, 4200 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद सरकार ऐसा नहीं कर पाई और अव्यवस्था पैदा कर दी।' थरूर ने दावा किया कि यह उसी अफरा-तफरी वाली स्थिति की पुनरावृत्ति है जो जीएसटी पोर्टल की शुरुआत के समय देखने को मिली थी। 

कर अदा करना चाहते हैं लेकिन...

उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि भारतीय करदाता कर अदा करना चाहते हैं लेकिन वे इसलिए ऐसा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पोर्टल काम नहीं कर रहा है। थरूर ने सरकार पर उस वक्त निशाना साधा है जब एक दिन पहले ही आयकर विभाग ने विदेशों से प्रेषित धन के मामले में हाथ से भरी जाने वाली विवरणिका प्रस्तुत करने की समयसीमा 15 जुलाई तक के लिये बढ़ा दी है। आयकर विभाग के नये पोर्टल की शुरुआत सात जून को हुई जिसके बाद इसे इस्तेमाल करने वाले कई लोगों ने इसमें तकनीकी समस्याओं को लेकर शिकायत की। इसके बाद विभाग ने विदेशी प्राप्तियों के संबंध में भरे जाने वाले फार्म 15सीए..15सीबी को बैंकों में 30 जून तक भरने की अनुमति दे दी थी। यह पोर्टल इन्फोसिस ने तैयार किया है। 

वित्त मंत्री ने इंफोसिस से खामियां दूर करने के लिए कहा

नए पोर्टल की शुरूआत के पहले ही दिन समस्या आने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने, इन्फोसिस से खामियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने को कहा। इन्फोसिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ सीतारमण ने इस सिलसिले में 15 जून को एक बैठक भी की। अधिकारियों ने कहा था कि तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। खामियां जल्द दूर करने का आश्वासन देने के साथ ही इन अधिकारियों ने एक अनुमानित समय सीमा भी बताई थी। आयकरदाताओं के लिए एक अधिक अनुकूल, आधुनिक और सहज पोर्टल बनाने के उद्देश्य से इन्फोसिस को 2019 में ठेका दिया गया था। इस पोर्टल को इस तरह तैयार किया जाना था जिससे आयकर दाखिल करने से लेकर रिफंड तक की प्रक्रिया आसान हो सके और इसमें लगने वाला समय भी कम हो सके।

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