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वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बावजूद सेंसेक्स में 32 अंक की मामूली बढ़त, निफ्टी लगभग स्थिर

By भाषा | Updated: November 15, 2021 17:11 IST

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मुंबई, 15 नवंबर वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बावजूद सोमवार को सेंसेक्स मामूली लाभ के साथ बंद हुआ। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आने के बाद बाजार ने अपना शुरुआती लाभ गंवा दिया। हालांकि, आखिर में बाजार लाभ के साथ बंद हुए।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 32.02 अंक या 0.05 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,718.71 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 6.70 अंक या 0.04 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 18,109.45 अंक पर पहुंच गया।

सेंसेक्स की कंपनियों में पावरग्रिड का शेयर सबसे अधिक तीन प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया। आईटीसी, एशियन पेंट्स, नेस्ले इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर भी लाभ में रहे।

अन्य कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर 0.83 प्रतिशत और इन्फोसिस 0.31 प्रतिशत के लाभ में रहे।

वहीं टाटा स्टील का शेयर सबसे अधिक 3.24 प्रतिशत टूट गया। महिंद्रा एंड महिंद्रा में 1.19 प्रतिशत का नुकसान रहा। बजाज ऑटो, रिलायंस, एसबीआई और भारती एयरटेल भी गिरावट के साथ बंद हुए।

आनंद राठी के प्रमुख इक्विटी शोध (बुनियादी) नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘एशियाई बाजारों के मिले-जुले रुख के बावजूद सोमवार को भारतीय बाजार सकारात्मक रुख के साथ खुले। एशियाई बाजारों में चीन में गिरावट रही, जबकि वहां उपभोक्ता खर्च के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे हैं।’’

दोपहर के कारोबार में बाजार ने अपना शुरुआती लाभ गंवा दिया। हालांकि स्वास्थ्य सेवा, आईटी और प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में लिवाली का सिलसिला चला।

सोलंकी ने कहा कि अक्टूबर माह की थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 12.54 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सितंबर में यह 10.66 प्रतिशत और अक्टूबर, 2020 में 1.31 प्रतिशत पर थी। मुद्रास्फीति के आंकड़ों की वजह से दोपहर के कारोबार में बाजार ने अपना शुरुआती लाभ गंवा दिया।

बीएसई मिडकैप 0.41 प्रतिशत चढ़ गया। स्मॉलकैप में 0.19 प्रतिशत का नुकसान रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार लाभ और हानि के बीच कारोबार करते रहे। वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव तथा घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़ों से बाजार का लाभ सीमित रहा। कोविड-19 को लेकर नए सिरे से अंकुश लगाए जाने के बावजूद चीन का औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर 3.5 प्रतिशत बढ़ा है।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग के शोध उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख से यहां भी शुरुआत मजबूती के साथ हुई। लेकिन बाद में विभिन्न क्षेत्रों में मुनाफावसूली का सिलसिला चलने से बाजार का लाभ सिमट गया।’’

अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहा। हांगकांग के हैंगसेंग, जापान के निक्की और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में लाभ रहा। दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार लाभ में थे।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 1.33 प्रतिशत टूटकर 81.08 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया तीन पैसे के नुकसान के साथ 74.48 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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