शेयर बाजार में प्रमुख सेसेंक्स सूचकांक में गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 2500 अंकों से अधिक की भारी गिरावट हुई। दूसरी ओर निफ्टी सूचकांक 10,000 के स्तर से नीचे आ गया। इस दौरान दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है, जिसके बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका गहरा गई है। शुरुआती कारोबार के दौरान रुपये में भी भारी गिरावट दर्ज की गई और यह डॉलर के मुकाबले 82 पैसे टूट कर 74.50 पर आ गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार देर रात नए कोरोना वायरस के प्रकोप को महामारी घोषित किया और इसकी रोकथाम की तैयारियों को लेकर चिंता जताई। इस घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले 30 दिनों तक ब्रिटेन को छोड़कर सभी यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा रद्द कर दी है। कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट का रुख है। ब्रेंट क्रूड वायदा पांच प्रतिशत टूटकर 34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इस सभी वैश्विक कारणों की चपेट में घरेलू शेयर बाजार भी आया और बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1821.27 अंक टूट गया।
खबर लिखे जाने तक 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 2400 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 33,272.56 पर था। इसी तरह निफ्टी 486.75 अंक या 4.65 प्रतिशत गिरकर 9,971.65 पर आ गया। इससे पिछले सत्र में सेंसेक्स 62.45 अंक और निफ्टी 6.95 अंक बढ़कर बंद हुआ था। सेंसेक्स के सभी शेयरों में घाटे के साथ कारोबार हो रहा था। टाटा स्टील में सबसे अधिक नौ प्रतिशत की गिरावट हुई। इसके अलावा ओएनजीसी, एसबीआई, टाइटन, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और आरआईएल में भी बिकवाली देखी गई। इस दौरान एशियाई बाजारों में भी गिरावट रही।
कमजोर हुआ रुपया
वहीं रुपये की बात करें तो मनी कंट्रोल के मुताबिक आज शुरुआत कमजोर हुई है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 62 पैसे की कमजोरी के साथ 74.25 के स्तर पर खुला है। वहीं, पिछले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 46 पैसे की मजबूती के साथ 73.63 के स्तर पर बंद हुआ था।
कच्चा तेल की कीमतों में उथल पुथल जारी
कच्चा तेल की कीमतों को लेकर मचे घमासान के बीच सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की उत्पादन वृद्धि की घोषणा से कल बुधवार को भी इसमें गिरावट देखने को मिली। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभावों से निपटने के लिए अमेरिका में राहत पैकेज को लेकर अनिश्चतता को लेकर निवेशकों के बेचैनी होने से शेयर बाजार फिर बिकवाली के दौर में फंस गए। सोमवार को बाजारों में सुधार दिखा था। सऊदी अरब ने कच्चा तेल की कीमतों को मजबूती देने के लिये उत्पादन में कटौती के प्रस्ताव को रूस के द्वारा खारिज करने के बाद दैनिक आपूर्ति में कम से कम 25 लाख बैरल की वृद्धि करने की घोषणा की है। ओपेक समूह के चौथे बड़े उत्पादक संयुक्त अरब अमीरात ने भी सऊदी अरब की राह अपनाते हुए दैनिक आपूर्ति 10 लाख बैरल बढ़ाने की बुधवार को घोषणा की। चीन से फैले कोरोना वायरस संक्रमण से तेल बाजार मांग की नरमी से प्रभावित है। आपूर्ति बढ़ने से कीमतें टूटने का जोखिम बढ़ गया है। ओपेक ने भी इस बीच कच्चा तेल बाजार को झटका देते हुए वैश्विक मांग के पूर्वानुमान में कटौती करने की घोषणा कर दी। ओपेक ने ताजा मासिक पूर्वानुमान में कहा कि कच्चा तेल की दैनिक वैश्विक मांग 9.2 लाख बैरल कम होकर 997.3 लाख बैरल पर आ सकती है। ओपेक ने आने वाले समय में मांग के पूर्वानुमान में और कटौती करने की भी चेतावनी की। इस कारण कच्चा तेल में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गयी। दिन की शुरुआत में कच्चा तेल में पांच प्रतिशत तक की तेजी चल रही थी। वैश्विक शेयर बाजारों को कच्चा तेल की नरमी से समर्थन मिल रहा था।