शेयर बाजार में हाहाकार: सेसेंक्स में 750 अंकों से ज्यादा गिरावट, निफ्टी आया 11000 के नीचे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2019 16:57 IST2019-09-03T15:52:19+5:302019-09-03T16:57:30+5:30
सेंसेक्स के शेयरों में शुरुआती कारोबार में सबसे ज्यादा गिरावट टाटा मोटर्स , टाटा स्टील , आईसीआईसीआई बैंक , ओएनजीसी , एचडीएफसी , महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), एनटीपीसी , वेदांता , आईटीसी और एसबीआई में रही।

शेयर बाजार में हाहाकार: सेसेंक्स में 750 अंकों से ज्यादा गिरावट, निफ्टी आया 11000 के नीचे
मंगलवार को शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। आर्थिक क्षेत्र में सुस्ती गहराने और वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध बढ़ने को लेकर आशंकित निवेशकों ने मंगलवार को जमकर बिकवाली की।
इससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 770 अंक नीचे आ गया। निफ्टी भी 225 अंक टूटकर बंद हुआ। पिछले दिनों सकल घरेलू उत्पाद, बुनियादी उद्योगों और वाहन बिक्री के आंकड़े आए हैं। ये सभी आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि देश में आर्थिक सुस्ती गहरा रही है।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान 867 अंक तक नीचे आने के बाद अंत में 769.88 अंक यानी 2.06 प्रतिशत के नुकसान से 36,562.91 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 225.35 अंक या 2.04 प्रतिशत के नुकसान से 10,797.90 अंक रह गया।
सेंसेक्स की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, वेदांता, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के शेयर 4.45 प्रतिशत तक गिर गये। रुपये में गिरावट के बीच दो आईटी कंपनियों टेकएम और एचसीएल टेक के शेयर मामूली लाभ के साथ बंद हुए।
अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 90 पैसे के नुकसान से 72.27 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों के एकीकरण की घोषणा की है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर भी टूट गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से निवेशकों में यह संदेश गया है कि सरकार न केवल बैंकों में नई पूंजी डाल रही है बल्कि वह उनके कामकाज संचालन में भी सुधार चाहती है। लेकिन फिर भी बैंकों का यह विलय बैंकों की भौगोलिक उपस्थिति और सांस्कृतिक विविधता को देखते हुये परेशान करन वाला लगता है।
सरकार ने हालांकि, अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा अगस्त महीने में वाहन कंपनियों की बिक्री में दस प्रतिशत से अधिक की गिरावट से बाजार की धारणा प्रभावित हुई है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े गत शुक्रवार शेयर बाजार में कारोबार बंद होने के बाद जारी हुये। पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि पांच प्रतिशत रही जो कि पिछले छह साल में सबसे कम रही है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन को इसकी प्रमुख वजह बताया गया। इसके साथ ही आठ बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई। इसका भी कारोबारी धारणा पर असर रहा।