डीमैट खाताधारकों को राहत, ‘नॉमिनी’ का नाम देने की समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई, सेबी ने दी छूट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 28, 2023 19:57 IST2023-03-28T17:00:24+5:302023-03-28T19:57:16+5:30
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुलाई, 2021 में सभी मौजूदा पात्र कारोबारी और डीमैट खाताधारकों से 31 मार्च, 2022 तक नामित व्यक्ति के बारे में अपना विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था।

घोषणापत्र के जरिये नॉमिनी का नाम देने या इससे हटने का विकल्प है।
नई दिल्लीः पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत दी। इसके तहत मौजूदा डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिये ‘नॉमिनी’ का नाम देने या इस विकल्प से हटने के लिए समयसीमा सितंबर अंत तक बढ़ा दी गयी है।
पहले यह समयसीमा 31 मार्च, 2023 थी। ‘नॉमिनी’ या नामित व्यक्ति से आशय, उस व्यक्ति से है, जिनका नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में होता है और संबंधित व्यक्ति का अचानक निधन होने पर वह बैंक खाते में जमा या निवेश राशि पाने का हकदार होता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुलाई, 2021 में सभी मौजूदा पात्र कारोबारी और डीमैट खाताधारकों से 31 मार्च, 2022 तक नामित व्यक्ति के बारे में अपना विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर डीमैट खाता बंद हो जाता। बाद में इसे एक साल 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया था।
सेबी ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘कारोबार के साथ-साथ डीमैट खातों के मूल्यांकन....और विभिन्न पक्षों से प्राप्त प्रतिवेदनों के आधार पर यह निर्णय किया गया है कि नॉमिनी प्रावधान अब 31 मार्च, 2023 के बजाय 30 सितंबर, 2023 से लागू होगा।’’
एक अलग परिपत्र में नियामक ने मौजूदा म्यूचुअल फंड निवेशकों को लाभार्थी के रूप में ‘नॉमिनी’ का नाम देने या इस विकल्प से हटने के लिये 30 सितंबर तक का समय दिया है। अगर म्यूचुअल फंड निवेशक 30 सितंबर तक इसका अनुपालन करने में विफल रहते हैं, उनके खाते को जब्त कर लिया जाएगा और वे निवेश को भुना नहीं सकेंगे।
सेबी ने जून, 2022 में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिये ‘नॉमिनी’ का ब्योरा देना या इससे हटने के बारे में घोषणा एक एक अगस्त, 2022 तक करने को कहा था। बाद में समयसीमा एक अक्टूबर, 2022 तक बढ़ा दी गयी। सभी मौजूदा म्यूचुअल फंड फोलियो के लिये नई समयसीमा 31 मार्च, 2023 तक की गयी थी।
साथ ही, सेबी ने शेयर ब्रोकरों और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों से अपने उन ग्राहकों को ऐसे सभी डीमैट खातों में ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से पाक्षिक आधार पर सूचना भेजकर ‘नामांकन का विकल्प’ अद्यतन करने के बारे में सूचना देने को कहा है, जिन्होंने अबतक विकल्प नहीं चुना है। जिन निवेशकों ने एक अक्टूबर, 2021 से नए कारोबारी और डीमैट खाते खोले हैं, उनके पास घोषणापत्र के जरिये नॉमिनी का नाम देने या इससे हटने का विकल्प है।