एनडीटीवी को झटका, सेबी ने लगाया पांच करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 30, 2020 13:12 IST2020-12-30T13:10:34+5:302020-12-30T13:12:50+5:30

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वाणिज्यिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ ऋण समझौतों की जानकारी का खुलासा नहीं करने के लिए नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी ) पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

Sebi fines NDTV ₹5 crore over disclosure lapses company to appeal against order | एनडीटीवी को झटका, सेबी ने लगाया पांच करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

कर्ज समझौते के तहत एनडीटीवी की 30 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग को वीसीपीएल के हवाले कर दिया गया था।

Highlightsसूचना का खुलासा नहीं करने पर कथित तौर पर नियमों के उल्लंघन के बारे में बताया गया।वीसीपीएल के साथ 53.85 करोड़ रुपये का दूसरा ऋण समझौता किया गया।एनडीटीवी की 30 प्रतिशत शेयरधारिता अधिग्रहण की अनुमति दी गई थी।

नई दिल्लीः एनडीटीवी को बड़ा झटका लगा है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

सेबी ने बयान में कहा कि वीसीपीएल ऋण समझौतों के बारे में मूल्य-संवेदनशील जानकारी का खुलासा नहीं करने के चलते पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। 26 अगस्त, 2017 को पूंजी बाजार नियामक को एनडीटीवी- प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग और वीसीपीएल के प्रमोटरों के बीच हस्ताक्षरित ऋण समझौते से संबंधित क्वांटम सिक्योरिटीज से शिकायत मिली थी।

एनडीटीवी ने आरोपों से इनकार किया

हालांकि, एनडीटीवी ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह नियामक के इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि ऋण समझौते में कुछ ऐसी शर्तें शामिल थीं, जिससे मीडिया कंपनी के कामकाज पर काफी असर पड़ा।

नियामक ने कहा कि इसकी जांच 2017 में क्वांटम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड से शिकायत प्राप्त होने के बाद शुरू हुई थी, जिसमें विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के साथ ऋण समझौतों के बारे में शेयरधारकों के समक्ष जरूरी सूचना का खुलासा नहीं करने पर कथित तौर पर नियमों के उल्लंघन के बारे में बताया गया।

वीसीपीएल के साथ 53.85 करोड़ रुपये का दूसरा ऋण समझौता किया गया

सेबी के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक से लिये गये पहले के ऋण को चुकाने के लिये 2009 में वीसीपीएल के साथ ऋण समझौते के तहत एनडीटीवी के प्रवर्तकों द्वारा 350 करोड़ रुपये की ऋण राशि उधार ली गयी थी। इसके एक वर्ष बाद वीसीपीएल के साथ 53.85 करोड़ रुपये का दूसरा ऋण समझौता किया गया।

समझौते में एक शर्त के तहत वीसीपीएल को अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी की 30 प्रतिशत शेयरधारिता अधिग्रहण की अनुमति दी गई थी। यह अधिग्रहण आरआरपीआर होल्डिंग के वारंटों को इक्विटी में परिवर्तित करने के जरिये होना था। नियामक ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि कर्ज समझौते के तहत एनडीटीवी की 30 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग को वीसीपीएल के हवाले कर दिया गया था। प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग एनडीटीवी लिमिटेड के प्रवर्तक हैं।

शेयर बाजारों के साथ सूचनाओं का खुलासा किया है

इससे पहले पिछले सप्ताह सेबी ने एनडीटीवी के प्रवर्तकों पर कुछ ऋण समझौतों के बारे में शेयरधारकों से जानकारी छिपाकर विभिन्न प्रतिभूति मानदंडों का उल्लंघन करने को लेकर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। उधर, एनडीटीवी ने इस बारे में दी गयी नियामकीय सूचना में कहा कि उसने कई अवसरों पर शेयर बाजारों के साथ सूचनाओं का खुलासा किया है।

कंपनी ने कहा, उसने कई बार बताया है कि उसके संस्थापक व प्रवर्तक पत्रकार राधिका रॉय और प्रणय रॉय कंपनी की चुकता शेयर पूंजी के 61.45 प्रतिशत मालिकाना हक के साथ बहुलांश शेयरधारक बने हुये हैं। कंपनी ने कहा कि वह तत्काल सेबी के इस आदेश के खिलाफ अपील करने वाली है।

कंपनी ने कहा है कि किसी तीसरे पक्ष के साथ व्यवस्था अथवा लेनदेन के जरिये कंपनी के नियंत्रण में किसी तरह का बदलाव नहीं आने वाला है। इसके विपरीत किसी भी तरह का आरोप अथवा रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है। 

(इनपुट एजेंसी)

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