रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने तेल एवं रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरब की प्रमुख तेल कंपनी अरामको को बेचेगी। यह सौदा करीब 15 अरब डॉलर अथवा 1.06 लाख करोड़ रुपये में पूरा होने की उम्मीद है।
कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को आरआईएल की 42वीं वार्षिक आम सभा में यह बात कही।
अंबानी ने कहा कि 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ समझौता हो चुका है। इस सौदे के लिए कंपनी के तेल और पेट्रोरसायन कारोबार का मूल्य 75 अरब डॉलर आंका गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल रिलायंस के इतिहास में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा बल्कि इसकी गिनती देश के सबसे बड़े विदेशी निवेश के सौदों में होगी।’’
बानी ने कहा कि समझौते के तहत दीर्घावधि के लिए अरामको रिलायंस की गुजरात के जामनगर स्थित दोनों रिफाइनरियों को प्रतिदिन 7,00,000 बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति भी करेगा।
अंबानी की बेटी में शादी में हुआ था करार
अरामको दुनिया की सबसे बड़ी कच्चा तेल निर्यातक कंपनी है। सऊदी अरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ वार्ता सबसे पहले तब सामने आई थी जबकि सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह ने मुकेश अंबानी से मुलाकात की थी।
अल फलीह का अंबानी के साथ एक दशक से अधिक पुराना परिचय है। वह उस महीने अंबानी की पुत्री इशा की अजय पिरामल के पुत्र आनंद के साथ विवाह से पहले आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने उदयपुर गए थे। इस यात्रा के दौरान उनकी अंबानी के साथ बातचीत भी हुई थी।
बाद में उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘हमारे बीच संयुक्त निवेश के अवसरों और पेट्रोरसायन, रिफाइनिंग और संचार परियोजनाओं में सहयोग के लिए विचार विमर्श हुआ।’’ इसके बाद जनवरी में आरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अंबानी के साथ बैठक हुई थी।
एप्पल से दोगुना मुनाफा
साल 2018 में अरामको के 111 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया जबकि एप्पल ने 59.5 अरब डॉलर की कमाई की थी। वहीं रॉयल डच सेल का सालाना मुनाफा 23.9 बिलियन डॉलर और अमेरिका की सबसे बड़ी तेल कंपनी एक्सोन मोबिल की कमाई 20.8 बिलियन डॉलर रही है।
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में अरामको का कुल रेवेन्यू 355.9 अरब डॉलर था।
अरामको की कमाई पर आश्रित है सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था
2018 में अरामको ने सऊदी की सरकार को 160 अरब डॉलर की रकम दी थी। कंपनी के पास दुनिया के कुछ बड़े तेल क्षेत्र हैं जो उसने बहुत ही कम कीमत पर प्राप्त किए हैं।
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के पूर्वी हिस्से में घवार सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है। यह 193 किलोमीटर का है। घवार में सऊदी अरब के कुल तेल भंडार का आधा हिस्सा है। अब भी यहां 48 अरब बैरल तेल है, जिसका उत्पादन अरामको करती है।
इस भीमकाय कंपनी की स्थापना अमेरिकी तेल कंपनी ने की थी। 1970 में सऊदी सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया था।