नई दिल्ली, 5 अक्टूबरः अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बृहस्पतिवार की तुलना में शुक्रवार को भारतीय रुपया 40 पैसा कमजोर होकर 74.10 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया। रुपये के इतिहास में यह ऐतिहासिक गिरावट है। अभी तक रुपये इस तरह पाताल में कभी नहीं गिरा था।
लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल का मानना है कि यह गिरवाट अभी भी दूसरी उभरती अर्थव्यवस्था में हो रहे मौद्रिक क्षरण की तुलना में कम है। समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार उर्जित पटेल का कहना है, "अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये में आ रही गिरावट अभी भी उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है।"
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बृहस्पतिवार को 36 पैसे की गिरावट के साथ रुपया 73.70 प्रति डॉलर पहुंचा था। जबकि बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 43 पैसे गिरकर 73.34 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया था। इसे अब तक सबसे बड़ी गिरावट कहा जा रहा है।
इन वजहों से रुपए में आई कमजोरी
लगातर रुपये में कमजोरी चिंता का विषय बनती जा रही है। वहीं, लगातार तेल की बढ़ती वैश्विक कीमतों और पूंजी निकासी जारी रहने के बीच आयातकों से अमेरिकी मुद्रा के लिए मजबूत मांग के चलते रुपया निचले स्तर पर पहुंच रहा है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार का भी असर मार्केट पर दिख रहा है।
उधर, तुर्की में इकनोमिक क्राईसस ने भी भारतीय रुपये पर दबाव डाला है। केवल भारत की नहीं बल्कि दुनियाभर में कई प्रमुख करंसी में लगातार कमजोरी देखी जा रही है।
इस साल लगभग 11 फीसदी कमजोर हुआ रुपया
इस साल लगातार रुपये के मूल्य में गिरावट देखी गई है। आकड़े बताते हैं कि इस साल रुपये लगभग 11 फीसदी से ज्यादा कमजोर दर्ज हो चुका है। वहीं बीते वर्ष लगभग 6 फीसदी की तेजी से गिरावट दर्ज कराई गई थी।