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भारतीय रिजर्व बैंकः मौद्रिक नीति की ये बातें आपको जरूर जाननी चाहिए

By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 4, 2020 21:44 IST

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने एकमत से पॉलिसी रेपो रेट को बिना किसी फेरबदल के 4% रखने के लिए वोट किया है।

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ठळक मुद्देमौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में बदलाव नहीं।तीसरी तिमाही में जीडीपी सकारात्मक रहने का अनुमान।

मुंबईः भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास नेमुंबई में प्रेस कांफ्रेंस किया। दास ने कहा कि MSF रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% है और रिवर्स रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% है।

वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ -7.5% रहने का अनुमान है। हम वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे करने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे। बैंक ने आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में आ रहे सुधार को देखते हुये तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 0.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 0.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।

दास ने यह भी कहा कि आरटीजीएस (पैसे का तुरंत अंतरण) प्रणाली अगले कुछ दिनों में सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कार्ड से संपर्करहित लेन-देन की सीमा जनवरी 2021 से दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दी जायेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वाणिज्यिक व सहकारी बैंक 2019- 20 का मुनाफा अपने पास ही रखेंगे और वित्त वर्ष के लिये किसी लाभांश का भी भुगतान नहीं करेंगे। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 26वीं बैठक थी। इसमें तीन बाहरी सदस्य... आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शंका भिडे हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक दो दिसंबर को शुरू हुई। इस एमपीसी बैठक का ब्योरा 18 दिसंबर को जारी किया जाएगा।

रिजर्व बैंक की समिति की बैठक की मुख्य बातें

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की शुक्रवार को हुई बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। रिवर्स रेपो 3.35 प्रतिशत और स्थायी सीमांत सुविधा (एमएसएफ), बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

आरबीआई ने मौद्रिक नीति में नरम रुख बरकरार रखा, सर्दियों में महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद जताई।

मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्यों ने मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में निर्णय किया।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में दिखे आर्थिक पुनरूद्धार के शुरूआती संकेत।

चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति तीसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत, चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।

रिजर्व बैंक वित्तीय प्रणाली में जमाकर्ताओं का हित सुरक्षित रखने के लिये प्रतिबद्ध।

अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार दिख रहा है और नित नये क्षेत्र भी सुधार की राह पर लौट रहे हैं।

वित्तीय बाजार व्यवस्थित तरीके से काम कर रहे हैं।

जीडीपी वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 0.1 प्रतिशत के साथ सकारात्मक दायरे में लौट आयेगी, चौथी तिमाही में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि और पूरे वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 7.5 प्रतिशत की गिरावट रहने का अनुमान है।

वाणिज्यिक व सहकारी बैंक 2019- 20 का मुनाफा अपने पास ही रखेंगे और वित्त वर्ष के लिये किसी लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे।

आरटीजीएस प्रणाली अगले कुछ दिन में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे काम करने लगेगी।

कार्ड से संपर्करहित लेन-देन की सीमा जनवरी 2021 से दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दी जायेगी।

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