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RBI ने घटाई ब्याज दरें, जल्द कम हो सकती है आपकी ईएमआई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2019 12:13 IST

आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत तथा दूसरी छमाही में 3.5 से 3.7 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया है।

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ठळक मुद्देमौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक एक, तीन और चार अक्टूबर 2019 को होगी।  रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत किया।

रिजर्व बैंक ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.35 प्रतिशत की कटौती कर दी। यह लगातार चौथा मौका है जब रेपो दर में कटौती की गयी है। इस कटौती के बाद रेपो दर 5.40 प्रतिशत रह गयी है। रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में इस कटौती के बाद बैंकों पर कर्ज और सस्ता करने का दबाव बढ़ गया है। इसके चलते आने वाले दिनों में आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज पर ब्याज दर कम हो सकती है। 

रेपो दर वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकाल के लिये नकदी उपलब्ध कराता है। रेपो दर में इस कटौती के बाद रिजर्व बैंक की रिवर्स रेपो दर भी कम होकर 5.15 प्रतिशत, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर घटकर 5.65 प्रतिशत रह गई।

 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति के उसके तय लक्ष्य के दायरे में रहने पर गौर करते हुए रेपो दर में कटौती का निर्णय किया। समिति ने कहा कि जून में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद भी घरेलू आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई है। वहीं वैश्विक स्तर पर नरमी तथा दुनिया की दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते व्यापार तनाव से इसके नीचे जाने का जोखिम है। 

समिति ने कहा कि पिछली बार की रेपो दर में कटौती का लाभ धीरे-धीरे वास्तविक अर्थव्यवस्था में पहुंच रहा है, नरम मुद्रास्फीति परिदृश्य नीतिगत कदम उठाने की गुंजाइश देता है ताकि उत्पादन में नकारात्मक अंतर की भरपाई की जा सके। 

केंद्रीय बैंक ने 2019-20 के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को भी सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि दूसरी छमाही में इसके 3.5 से 3.7 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है। इसमें घट-बढ़ का जोखिम बराबर है। 

मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक एक, तीन और चार अक्टूबर 2019 को होगी। 

लगातार चौथी बार आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है। आरबीआई के इस कदम के बाद अब बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकती है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा।

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)बिज़नेस
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