कोल्हापुर के सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस रद्द, भारतीय रिजर्व बैंक ने लिया एक्शन, ग्राहक को राहत
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 25, 2020 12:38 IST2020-12-25T12:37:05+5:302020-12-25T12:38:38+5:30
सुभद्रा लोकल एरिया बैंक को 10 जुलाई 2003 को RBI से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ था। कोल्हापुर, सतारा, सांगली, बेलगावी और पुणे जिलों में स्थानीय क्षेत्र बैंक के रूप में काम कर रहा था।

बैंक के पास अपने सभी जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए पर्याप्त तरलता है। (file photo)
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 2020 में एक्शन में है। कई बैंक पर चाबुक चलाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोल्हापुर (महाराष्ट्र)-आधारित सुभद्रा लोकल एरिया बैंक लिमिटेड को जारी बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया।
सबसे पहले लक्ष्मी विलास बैंक, पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी), केरल के पेरीनथालमन्ना स्थित अरबन-कोअपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालना जिले में मंता अर्बन कोआपरेटिव बैंक और येस बैंक सहित कई जद में आ गए हैं। आरबीआई ने कराड जनता सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
24 दिसंबर 2020 को कारोबार बंद करने से प्रभावी हो गया
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, इस संबंध में उसका आदेश 24 दिसंबर 2020 को कारोबार बंद करने से प्रभावी हो गया है। इस बात पर जोर दिया गया कि बैंक के पास अपने सभी जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए पर्याप्त तरलता है।
आरबीआई ने बयान में कहा कि सुभद्रा लोकल एरिया बैंक के मामलों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया, जो अपने वर्तमान और भविष्य के जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक था। “सार्वजनिक हित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा यदि इसे उस तरीके से व्यापार करने के लिए जारी रखने की अनुमति है, जिसमें यह कार्य कर रहा है। आरबीआई ने कहा कि प्रबंधन के सामान्य चरित्र को वर्तमान और भविष्य के जमाकर्ताओं के हित के लिए पूर्वाग्रही माना जाता है।
मौजूदा और भविष्य के जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान पहुंच सकता था
मौजूदा और भविष्य के जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान पहुंच सकता था। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दो तिमाहियों में न्यूनतम नेटवर्थ की शर्त का उल्लंघन किया। बयान के अनुसार हालांकि सुभद्रा लोक एरिया बैंक के पास जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने के लिये पर्याप्त नकदी है।
अरबीआई ने कहा, ‘‘जिस तरीके से बैंक काम कर रहा था, अगर उसे उसी तरीके से परिचालन की अनुमति दी जाती तो जन हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। प्रबंधन की काम करने की प्रकृति वर्तमान और भविष्य के जमाकर्ताओं के हितों को नुकसकान पहुंचाने वाली थी।’’ ब
यान में कहा गया है कि सुभद्रा लोकल एरिया बेंक को दिया गया लाइसेंस 24 दिसंबर को बैंक कारोबार बंद होने के बाद से रद्द किया जा रहा है। इससे वह कोई भी बैंकिंग गतिविधियां नहीं कर पाएगा। आरबीआई बैंक के परिसमापन के लिये उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन देगा।
पंजाब एंड सिंध बैंक ने सिन्टेक्स इंडस्ट्रीज के ऋण खाते को धाखधड़ी की श्रेणी में डाला
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा कि उसने सिन्टेक्स इंडस्ट्रीज के कर्ज खाते को धोखाधड़ी की श्रेणी में डाल दिया है और इस बारे में रिपोर्ट रिजर्व बैंक को दे दी है। सिनटेक्स इंडस्ट्रीज पर बैंक का कुल 294 करोड़ रुपये का बकाया है।
बैंक ने शेयर बाजार को दी गयी सूचना में कहा कि महत्वपूर्ण मामलों की सूचनाएं प्रकाशित करने की नीति के तहत इस खाते की जानकारी दी जा रही है। बैंक ने कहा है कि इस निति के तहत सूचित किया जाता है कि 294.49 करोड़ रुपये के बकाये के साथ सिन्टेक्स इंडसट्रीज लि. का खाता एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) हो गया है।
इस खाते को धोखाधड़ी वाला खाता घोषित किया गया है। पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा कि उसने धोखाधड़ी वाले खाते के एवज में 147.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बैंक के अनुसार नियामकीय आवश्यकता के तहत इस बारे में सूचना भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को दे दी गयी।

