आरबीआई का नया नियम, एक अप्रैल से रिचार्ज और ऑटोमेटिक रेकरिंग पेमेंट नहीं, क्या होगा ग्राहकों पर असर

By भाषा | Updated: March 31, 2021 18:09 IST2021-03-31T18:07:16+5:302021-03-31T18:09:17+5:30

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 मार्च के बाद सत्यापन के लिये अतिरिक्त उपाय (एएफए) को अनिवार्य किया है।

RBI's new rule recharge from April 1 and no automatic recurring payment impact on customers | आरबीआई का नया नियम, एक अप्रैल से रिचार्ज और ऑटोमेटिक रेकरिंग पेमेंट नहीं, क्या होगा ग्राहकों पर असर

इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन को सुगम और सुरक्षित बनाना है। (file photo)

Highlightsआरबीआई के निर्देश के अनुपालन के लिये अतिरिक्त समय मांग रहे हैं।बिलों के भुगतान में 31 मार्च के बाद असर पड़ सकता है। बिलों के भुगतान की सीमा एक जनवरी से 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी।

नई दिल्लीः एक अप्रैल से अब रिचार्ज और जन सुवधाओं के बिलों का भुगतान (ऑटोमेटिक रेकरिंग पेमेंट) स्वत: नहीं हो पाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 मार्च के बाद सत्यापन के लिये अतिरिक्त उपाय (एएफए) को अनिवार्य किया है। हालांकि बैंक और भुगतान सुविधा प्रदान करने वाले मंच स्वत: बिलों के भुगतान को लेकर आरबीआई के निर्देश के अनुपालन के लिये अतिरिक्त समय मांग रहे हैं।

आरबीआई ने चार दिसंबर को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) तथा भुगतान सुविधा देने वाले मंचों समेत सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि कार्ड या प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग कर स्वत: बिल भुगतान (घरेलू या विदेशी) की व्यवस्था में अगर एएफए का अनुपालन नहीं हो रहा है, तो वह व्यवस्था 31 मार्च, 2021 से जारी नहीं रहेगी। केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने के उपायों के तहत इस कदम की घोषणा की जिसका मकसद कार्ड के जरिये लेन-देन को मजबूत और सुरक्षित बनाना है।

अगर इस अतिरिक्त सत्यापन उपाय का अनुपालन नहीं किया गया, तो संबंधित इकाइयों को बिजली समेत अन्य ग्राहक केंद्रित सेवाओं, ओटीटी (ओवर द टॉप) समेत अन्य बिलों के भुगतान में 31 मार्च के बाद असर पड़ सकता है। हाल ही में आरबीआई ने संपर्क रहित कार्ड के जरिये भुगतान और कार्ड तथा यूपीआई के जरिये स्वत: बिलों के भुगतान की सीमा एक जनवरी से 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी। इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन को सुगम और सुरक्षित बनाना है।

इस नये नियम के तहत बैंकों को नियमित तौर पर बिलों के भुगतान के बारे में ग्रहक को सूचना देनी होगी और ग्राहक से मंजूरी के बाद ही उसका भुगतान किया जा सकेगा। अत: इससे बिलों का भुगतान स्वत: नहीं होगा बल्कि ग्राहक से सत्यापन यानी मंजूरी के बाद ही हो सकेगा।

नये दिशानिर्देश के तहत 5,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिये बैंकों को नये दिशानिर्देश के तहत ग्राहकों को ‘वन-टाइम पासवर्ड’ भेजना होगा। ई-वाणिज्य कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उद्योग अभी आरबीआई के निर्देश के क्रियान्वयन के लिये तैयार नहीं है।

उसने कहा कि अगर आरबीआई ने नियम के अनुपालन को लेकर समय नहीं दिया तो एक अप्रैल से ग्राहक ने लेन-देन को लेकर जो ई- मंजूरी दे रखी है, बैंक उसका अनुपालन नहीं कर पाएंगे। इससे नियमित तौर पर बिलों के भुगतान और अन्य लेन-देन बाधित होंगे। इससे डिजिटल भुगतान को लेकर ग्राहकों का भरोसा टूटेगा। 

Web Title: RBI's new rule recharge from April 1 and no automatic recurring payment impact on customers

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