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आरबीआई ने न्यायालय से कहा, यूपीआई से जुड़े सदस्यों के ऑडिट की जिम्मेदारी हमारी नहीं

By भाषा | Updated: January 28, 2021 22:51 IST

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नयी दिल्ली, 28 जनवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबआई) ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा है कि यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) लेन-देन से जुड़े सदस्यों के ऑडिट की जिम्मेदारी उसकी नहीं है। उसने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जवाबदेही नेशन पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की है कि गूगल और व्हाट्सऐप जैसी कंपनियां संबंधित नियमों का अनुपालन करें।

आरबीआई ने शीर्ष अदालत में दिये गये हलफनामे में यह भी कहा कि आंकड़ों की निजता या गोपनीयता और उसे साझा करने से जुड़ा मामला केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है।

केंद्रीय बैंक ने यह हलफनामा राज्यसभा सदस्य विनय विस्वम की याचिका के जवाब में दायर किया है और जनहित याचिका खारिज करने का आग्रह किया है। याचिका में न्यायालय से आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिये निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि यूपीआई प्लेटफार्म पर जो भी आंकड़े प्राप्त किये जाते हैं, उसका दुरूपयोग नहीं हो।

यूपीआई मोबाइल के माध्यम से लेन-देन का जरिया है जिसके सहारे एक बैंक के खातेदार अपने सम्बद्ध खाते से दूसरे बैंक के खाते में धन का हस्तांतरण कर सकते है।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायाधीशी ए एस बोपन्ना और न्यायाधीश वी रामसुब्रमणियम की पीठ ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा सदस्य की याचिका पर सुनवाई के लिये एक फरवरी की तारीख मुकर्रर की।

आरबीआई ने हलफनामा में कहा, ‘‘उसने छह अप्रैल, 2018 को परिपत्र जारी कर भुगतान प्रणाली से जुड़े आंकड़े के संबंध में निर्देश दिया था। इसमें आंकड़े साझा करने या निजता के बारे में कोई बात नहीं थी। आरबीआई ने टीपीएपी (तीसरा पक्ष एप्लीकेशन प्रदाता) या यूपीआई के भागीदारों द्वारा आंकड़ों को साझा करने के बारे में कोई निर्देश नहीं दिया है। आंकड़ों की गोपनीयता और उसे साझा करने का मामला केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है।’’

आरबीआई ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एनपीसीआई के पास है कि अमेजन, गूगल और व्हाट्सऐप जैसी कंपनियां यूपीआई के संचालन से जुड़े कानून और नियमों का अनुपालन करें।

केंद्रीय बैंक ने सांसद की याचिका में किये गये उस आग्रह को भी खारिज कर दिया, जिसमें यूपीआई लेन-देन से संबंधित कंपनियों के ऑडिट की जिम्मेदारी आरबीआई के पास होने की बात कही गयी थी।

उसने कहा, ‘‘यूपीआई से जुड़े सदस्यों के ऑडिट की जिम्मेदारी आरबीआई के पास नहीं है।’’

इससे पहले, शीर्श अदालत ने पिछले साल 15 अक्टूबर को सांसद की याचिका पर आरबीआई और अन्य को नोटिस जारी किया था। याचिका में न्यायालय से आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिये निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि यूपीआई प्लेटफार्म पर जो भी आंकड़े प्राप्त किये जाते हैं, उसका दुरूपयोग नहीं हो।

उसने आरबीआई के अलावा केंद्र, एनपीसीआई और गूगल इंक, फेसबुक, व्हाट्सऐप और अमेजन समेत अन्य से भी इस बारे में जवाब देने को कहा था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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