आरबीआई समिति ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों को 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की छूट देने की सिफारिश की

By भाषा | Published: November 20, 2020 05:31 PM2020-11-20T17:31:26+5:302020-11-20T17:31:26+5:30

RBI committee recommends promoters up to 26 per cent exemption in private banks | आरबीआई समिति ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों को 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की छूट देने की सिफारिश की

आरबीआई समिति ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों को 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की छूट देने की सिफारिश की

मुंबई, 20 नवंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक कार्यकारी समूह ने निजी बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 15 साल में मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने की सिफारिश की है।

केंद्रीय बैंक द्वारा गठित समूह ने यह भी सिफारिश की है कि बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन और समूह के लिये निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के बाद बड़ी कंपनियों या औद्योगिक घरानों को बैंकों के प्रवर्तक बनने की अनुमति दी जा सकती है।

रिजर्व बैंक ने भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व दिशानिर्देश और कंपनी ढांचे की समीक्षा को लेकर आंतरिक कार्यकारी समूह का गठन 12 जून, 2020 को किया था। केंद्रीय बैंक ने समूह की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की।

समूह को विचार के लिये जो विषय दिये गये थे, उसमें बैंक लाइसेंस के आवेदन के लिये व्यक्तिगत रूप से या इकाइयों के लिये पात्रता मानदंड, बैंकों के लिये तरजीही कंपनी ढांचा का परीक्षण तथा इस संदर्भ में नियमों को उपयुक्त बनाना एवं प्रवर्तकों तथा अन्य शेयरधारकों द्वारा बैंकों में दीर्घकालीन शेयरधारिता के लिये नियमों की समीक्षा शामिल हैं।

प्रवर्तकों की पात्रता के बारे में समूह ने कहा कि आपस में जुड़े कर्ज और बैंकों तथा अन्य वित्तीय तथा गैर-वित्तीय समूह इकाइयों के बीच कर्ज के मामले से निपटने के लिये बैंकिंग नियमन कानून, 1949 में संशोधन के बाद बड़ी कंपनियां/औद्योगिक घरानों को बैंकों का प्रवर्तक बनने की अनुमति दी जा सकती है।

समूह ने बड़े समूह के लिये निगरानी व्यवस्था मजबूत बनाने की भी सिफारिश की है।

उसने यह भी सुझाव दिया है कि बेहतर तरीके से परिचालित, 50,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक संपत्ति वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में बदलने पर विचार किया जा सकता है। इसमें वे इकाइयां भी शामिल हैं जिनका कॉरपोरेट हाउस है। लेकिन इसके लिये 10 साल का परिचालन का होना जरूरी शर्त होना चाहिए।

समूह ने यह भी सुझाव दिया कि संपूर्ण बैंकिंग सेवाओं (यूनिवर्सल) के लिये नये बैंक लाइसेंस को लेकर न्यूनतम प्रारंभिक पूंजी 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये की जानी चाहिए। वहीं लघु वित्त बैंक के लिये 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपये की जानी चाहिए।

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Web Title: RBI committee recommends promoters up to 26 per cent exemption in private banks

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