विदेशों में तेजी से सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला तेल में सुधार, सोयाबीन तिलहन में गिरावट

By भाषा | Updated: December 6, 2021 19:04 IST2021-12-06T19:04:52+5:302021-12-06T19:04:52+5:30

Rapid improvement in soybean, CPO, palmolein and cottonseed oil abroad, decline in soybean oilseeds | विदेशों में तेजी से सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला तेल में सुधार, सोयाबीन तिलहन में गिरावट

विदेशों में तेजी से सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला तेल में सुधार, सोयाबीन तिलहन में गिरावट

नयी दिल्ली, छह दिसंबर विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में सोमवार को सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ, जबकि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) का भाव ऊंचा होने के संदर्भ में पॉल्ट्री उद्योग की बैठक होने के बीच सोयाबीन दाना और लूज (तिलहन) की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। बाकी तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.15 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि शिकॉगेा एक्सचेंज फिलहाल 0.2 प्रतिशत मजबूत रहा। शिकॉगो एक्सचेंज की मजबूती को देखते हुए सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया। दूसरी ओर तेल मिल वालों की सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) के संदर्भ में बैठक जारी रहने के बीच सोयाबीन दाना और लूज के भाव नरमी दर्शाते बंद हुए।

उन्होंने कहा कि तेल मिल वालों को बिनौला के दाने महंगे मिल रहे हैं क्योंकि किसान सस्ते में उनकी बिक्री नहीं कर रहे हैं। मिल वालों को बिनौला की पेराई में फायदा नहीं है क्योंकि उन्हें इसे सस्ते में बाजार में बेचना पड़ता है। बेपड़ता कारोबार के कारण बिनौला तेल कीमत में सुधार आया।

देश के कुछ हिस्सों में संबंधित विभाग के द्वारा सरसों में मिलावट की जांच करने के लिए नमूने लिए जाने की सूचना है। यह उपभोक्ताओं के लिए बेहतर कदम है। सामान्य कारोबार के बीच सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को खाद्य तेलों की कीमतों पर कमी या बढ़ोतरी के लिए आयात शुल्क कम-ज्यादा करने के बजाय विशेषकर कमजोर आय वर्ग के लोगों को ऐसी किसी कटौती का लाभ सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्य तेलों की आपूर्ति के बारे में विचार करना चाहिये। इससे सरकार के किसी शुल्क कटौती का लाभ कमजोर तबके को आसानी से मिल पायेगा क्योंकि बड़े कारोबारी ऐसी किसी कटौती का पूरा का पूरा लाभ उन्हें नहीं देते हैं। इसके अलावा तेल कीमतों की निगरानी के लिए भी सरकार को एक समिति बनानी चाहिये।

बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 8,850 - 8,875 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 5,900 - 5,985 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,920 - 2,045 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,690 -2,715 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,770 - 2,880 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,700 - 18,200 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,250 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,920 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,750

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,200 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,350 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,850 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,680 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 6,700 - 6,850, सोयाबीन लूज 6,550 - 6,650 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,850 रुपये।

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Web Title: Rapid improvement in soybean, CPO, palmolein and cottonseed oil abroad, decline in soybean oilseeds

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