राजस्थान की 'सोजत मेहंदी' को जीआई का दर्जा मिला

By भाषा | Updated: September 26, 2021 15:45 IST2021-09-26T15:45:07+5:302021-09-26T15:45:07+5:30

Rajasthan's 'Sojat Mehndi' gets GI status | राजस्थान की 'सोजत मेहंदी' को जीआई का दर्जा मिला

राजस्थान की 'सोजत मेहंदी' को जीआई का दर्जा मिला

नयी दिल्ली 26 सितंबर राजस्थान की 'सोजत मेहंदी' को सरकार से भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा मिला है। जीआई दर्जा उत्पाद के निर्माताओं को उच्च मूल्य प्राप्त करने में मदद करता है और कोई अन्य निर्माता अपने उत्पादों के विपणन के लिए इस नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

राजस्थान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘सोजत मेहंदी के लिए जीआई का दर्जा किसानों, एमएसएमई उद्योग, कारीगरों और उपभोक्ताओं के लिए समान रूप से फायदे की बात है। हम इसके हर्बल कॉस्मेटिक और औषधीय उपयोगों को देखते हुए इसका निर्यात बढ़ाने के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं।’’

एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) के लिए एक जीआई दर्जे का उपयोग किया जाता है।

आमतौर पर यह दर्जा नाम, गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो मुख्य रूप से इसके मूल स्थान के कारण होता है। दार्जिलिंग की चाय, तिरुपति लड्डू, कांगड़ा पेंटिंग, नागपुर का संतरा और कश्मीर पश्मीना भारत में पंजीकृत जीआई उत्पादों में से हैं।

एक बार किसी उत्पाद को भौगोलिक संकेतक का दर्जा मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से समान, वस्तु नहीं बेच सकती हैं। यह दस साल के लिए वैध होता है और बाद में इसका नवीकरण भी किया जा सकता है।

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Web Title: Rajasthan's 'Sojat Mehndi' gets GI status

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