1.40 लाख करोड़ में भारत खरीदेगा 114 लड़ाकू विमान, राफेल समेत ये 7 खूंखार फाइटर जेट हैं रेस में
By पल्लवी कुमारी | Published: September 6, 2018 04:49 PM2018-09-06T16:49:55+5:302018-09-06T16:49:55+5:30
कांग्रेस ने 59,000 करोड़ रुपये की राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाया है। इसी बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने राफेल डील से भी बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नई दिल्ली, 06 सिंतबर: राफेल डील को लेकर विपक्ष लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर घोटाले का आरोप लगा रही है। विपक्ष का कहना है कि 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में घोटाला हुआ है। मोदी सरकार ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार इसी बीच राफेल सौदे से भी बड़ा रक्षा सौदा करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
एक करोड़ 40 लाख रुपये के इस सौदे के भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा सौदा माना जा रहा है। इस सौदे के तहत ही भारतीय सेना 114 लड़ाकू विमान खरीदने वाली है। राफेल के अलावा इस डील के लिए दुनिया के 7 प्रमुख फाइटर जेट दौड़ में हैं। आइए देखते हैं वो कौन से विमान हैं जो भारत को ये विमान बेचना चाहते हैं।
1- सुखोई-35 (रूस)
लम्बे समय तक रूस से भारत सबसे ज्यादा रक्षा सामग्री आयात करता रहा है। इस लिस्ट में पहला नाम सुखोई-35 ( Russian Sukhoi-35) का है। भारत पहले भी रूस के सुखोई विमान खरीद चुका है।
2- एफ/ए-18 (US)
पिछले कुछ सालों में अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सौदे बढ़े हैं। इस प्रॉजेक्ट के लिए अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ/ए-18( अमेरिका) (F/A-18) भी दौड़ में है।
3- एफ/ए-16
अमेरिका का ही दूसरा लड़ाकू विमान एफ/ए-16 (F-16 (US) फाइटर जेट्स भी भारतीय रक्षा सौदे की दौड़ में है।
4 - ग्रिपेन-E (स्वीडन)
स्वीडन वैसे तो शांतिपूर्ण देश माना जाता है लेकिन रक्षा सामग्री बनाने में वो अग्रणी देशों में है। स्वीडन का ग्रिपेन-E (स्वीडन) Gripen-E (Sweden) का है।
5- मिग-35 (रूस)
सुखोई के अलावा रूस का मिग-35 MiG-35 (Russia) भी इस डील के लिए भारत को प्रप्रोजल भेज चुका है।
6- यूरोफाइटर टाइफून (रूस)
रूस का यूरोफाइटर टाइफून Eurofighter Typhoon (Russia)भी इस डील के लिए बोली लगा चुका है।
7- राफेल (फ्रांस)
भारत ने पहले भी फ्रांस के साथ राफेल डील (Rafale (Russia) 59,000 करोड़ रुपये की है। राफेल इस 1.4 लाख करोड़ रुपये वाले रक्षा सौदे में फिर से भारत के साथ डील करने को इच्छूक है।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, निर्मला सीतारमन के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद इस महीने( सिंतबर) या फिर अगले महीने की शुरुआत में इस फाइटर जेट वाली डील के लिए हामी भर सकती है। इस डील के तहत कॉन्ट्रैक्ट होने के तीन या पॉंच साल के भीतर 18 जेट उड़ने की स्थिति में भारत आएंगे।
खबरों के मुताबिक इसके साथ ही बाकी फाइटर जेट्स को स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के तहत भारत में तैयार भी किया जाएगा। इसके लिए कुछ विदेशी विमान कंपनियों और भारतीय कंपनियों साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगी।